स्मार्ट फोन और जंक फूड युवाओं को बना रहा डायबिटीज का शिकार
राम मालवा , चंडीगढ़ : शहर के युवाओं की सेहत पर स्मार्ट फोन के प्रयोग और जंक फूड के से
राम मालवा , चंडीगढ़ : शहर के युवाओं की सेहत पर स्मार्ट फोन के प्रयोग और जंक फूड के सेवन का बुरा असर पड़ रहा है। ताजा सर्वे के अनुसार शहर में 100 में से हर 13वां शख्स डायबिटीज से ग्रस्त है। इसमें युवा भी शामिल हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अनियमित लाइफ स्टाइल के कारण आने वाले वर्षो में यह रोग ओर तेजी से बढ़ेगा।
यह जानकारी मंगलवार को पीजीआइ में एक प्रेसवार्ता के दौरान डॉ.अनिल भंसाली और उनकी टीम के अन्य डॉक्टर ने दी। उन्होंने बताया कि इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की सर्वे रिपोर्ट में डायबिटीज के बढ़ते मरीजों के नए आंकड़े चौकाने वाले हैं। आइसीएमआर की ओर से डायबिटीज को लेकर देश भर के 15 राज्यों में शोध किया गया है। इसके मुताबिक डायबिटीज के मरीज औसतन लगभग 7 फीसद हैं। यहां तक कि ग्रीन सिटी चंडीगढ़ में डायबिटीज से पीड़ित हर आयु वर्ग के मरीज सामने आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में डायबिटीज के मरीजों का औसत सबसे ज्यादा 13.6 फीसद दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ में 20 से 40 की आयु के लोगों में भी डायबटीज की बीमारी पाई जा रही है।
इस स्टडी में देश से 57,117 लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें 20 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया है। शोध से सामने आए तथ्य
- जंक फूड के कारण शहर में 100 में से हर 13वां शख्स रोग से ग्रस्त
- चंडीगढ़ में डायबिटीज के मरीजों का औसत सबसे ज्यादा 13.6 फीसद दर्ज किया गया
- अनियमित लाइफ स्टाइल के कारण बढ़ रहे रोगी
- 20 से 40 साल तक के लोगों भी हो रहे रोग के शिकार इनसुलीन के लिए सात बार इस्तेमाल हो सकती है सी¨रज
डॉ.भंसाली ने बताया कि शुगर के जिन मरीजों को इनसुलीन शुरू हो चुकी है। अब एक ही सी¨रज से वह सात बार इनसुलिन की डोज ले सकते हैं। इससे मरीज को किसी तरह के इंफेक्शन या अन्य बीमारी का कोई खतरा नहीं है। अभी तक सी¨रज का मरीज एक ही बार प्रयोग करते हैं। जिससे मेडिकल वेस्ट ज्यादा होता है। साथ ही मरीज पर खर्च भी अधिक बढ़ता है। अभी लोग अधिकतर एक ही जगह इंजेक्शन का प्रयोग करते हैं। इससे उस जगह पर गांठ बन जाती है। सी¨रज को कम से कम एक सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाना चाहिए। स्टूडेंट्स को स्पोर्ट्स के लिए प्रेरित करने की जरूरत
शहर में बच्चों से लेकर बड़ों के लाइफस्टाइल में बीते 10 वर्षाें में काफी तेजी से बदलाव आया है। लोगों का अब फिजिकल वर्क पर कम फोकस होने लगा है। स्मार्ट फोन और जंक फूड भी डायबिटीज का बड़ा कारण बन रहा है। डॉ.भंसाली के अनुसार बच्चे अब अधिकतर समय तक स्मार्ट फोन का प्रयोग करते हैं और ग्राउंड में उनकी एक्टिविटी काफी कम हो गई है। कामकाजी लोगों में भी स्मार्ट फोन और जंक फूड का क्रेज तेजी से बढ़ा है। स्कूल और कॉलेज स्तर पर स्टूडेंट्स को स्पोर्ट्स के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करने की जरूरत है।
पंजाब में भी डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ी
देश भर के 15 राज्यों में डायबिटीज को लेकर शोध किया गया। जिसमें चंडीगढ़ के अलावा भी कई राज्यों में हालात काफी चिंताजनक हैं। शोध के अनुसार डायबिटीज की समस्या देश के ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से बढ़ रही है। जिसका मुख्य कारण खानपान में बदलाव और कीटनाशकों का अधिक प्रयोग है। पंजाब में डायबिटीज का ग्राफ 11 फीसद, बिहार में 4.3 फीसद से अधिक पाया गया है। डोज बीच में छोड़ने से जा सकती हैं जान
पीजीआइ में एंडोक्रिनोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. रामा वालिया ने बताया कि डायबटीज टाइप-1 में डोज न लेना या डोज को बीच मे छोड़ देना मरीज के लिए काफी घातक साबित हो सकता हैं। टाइप-1 मरीज को लगातार दवाई लेनी जरुरी है। विशेषज्ञों के अनुसार एक दिन भी दवाई छोड़ने से शरीर पर काफी प्रतिकूल असर पड़ता है। डॉक्टर की सलाह से दवाई शुरु करें और किसी भी तरह के अंधविश्वास से बचना चाहिए।