रेलवे स्टेशन पर सिर्फ ट्रेन की नहीं, शॉपिंग और इलाज की भी मिलेगी सुविधा
रेलवे स्टेशन पर अब केवल ट्रेन पकड़ने के लिए ही नहीं जाया जाएगा बल्कि शॉपिंग करने और इलाज के लिए भी जा सकेंगे।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। रेलवे स्टेशन पर अब केवल ट्रेन पकड़ने के लिए ही नहीं जाया जाएगा, बल्कि शॉपिंग करने और इलाज के लिए भी जा सकेंगे। रेलवे स्टेशन के साथ लगती रेलवे की 500 एकड़ जमीन पर एक नया स्मार्ट शहर डेवलप करने का खाका तैयार हो चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर वीरवार को रेलवे के एक्सपर्ट्स और बिल्डर्स ने यूटी सेक्रेटेरिएट पहुंचकर एडवाइजर मनोज कुमार परिदा को इसकी विस्तृत जानकारी दी। रेलवे ने इस जमीन को 99 साल के लिए बिल्डर्स को लीज पर दिया है। अब बिल्डर इस जमीन पर शॉपिंग कांप्लेक्स, होटल, कन्वेंशन सेंटर, स्कूल, हॉस्पिटल और रेजिडेंशियल कम्युनिटी डेवलप करेंगे। शुरुआत में कुल जमीन का एक तिहाई एरिया डेवलप होगा। जिसमें 25 हजार स्क्वेयर मीटर एरिया डेवलप होगा।
केंद्र सरकार ने वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने के तहत यह काम सौंपा है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब इस जमीन के लिए किसी से कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी। एक तिहाई एरिया डेवलप करने के साथ ही बाकी जमीन को भी खूबसूरत बनाया जाएगा। यह ध्यान रखना होगा कि इस पर कोई अवैध निर्माण न हो। इस पूरे प्रोजेक्ट तक प्रोजेक्शन की गई है कि अभी रेलवे स्टेशन पर रोजाना 25-30 हजार लोगों की आवाजाही रहती है। पूरा प्रोजेक्ट डेवलप होने के बाद यह फुटफॉल 1 लाख से अधिक होने का अनुमान है।
प्रोजेक्ट के लिए एडवाइजर के अंडर बनी कमेटी यह पूरा प्रोजेक्ट रेलवे ही डेवलप कर रहा है। लेकिन स्थानीय स्तर पर यूटी प्रशासन भी इसकी देखरेख करेगा। जिसमें बिजली, पानी, गारबेज जैसी चीजें प्रशासन ही देखेगा। स्थानीय स्तर पर एडवाइजर मनोज कुमार परिदा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया गया है। यह कमेटी स्थानीय स्तर की सभी जरूरतों को देखेगी। यह कमेटी ही प्रोजेक्ट के संबंध में कोऑर्डिनेट करेगी। इसके अलावा चंडीगढ़ के मास्टर प्लान के तहत ही पूरा प्रोजेक्ट डेवलप हो यह भी प्रशासन देखेगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में जो भी बिल्डिंग बनेंगी, उनकी ऊंचाई 30 मीटर से ज्यादा नहीं हो सकती। रेलवे अधिकारियों ने एडवाइजर परिदा को बताया कि एक साल की अवधि में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।
शहर को मिलेगा नया डेस्टिनेशन
रेलवे स्टेशन के आसपास का एरिया अभी इतना डेवलप नहीं है। रेलवे की इस जमीन पर कई जगह कब्जे हैं, साथ ही जंगल होने से यह नशेड़ियों और अपराधियों का अड्डा भी रहता है। इसकी आड़ में कई अपराध होते रहते हैं। यह पूरा एरिया डेवलप होने से चंडीगढ़ ही नहीं, पंचकूला को भी काफी फायदा होगा। अभी तक अनदेखे इस एरिया में एक छोटा शहर बसाने की तैयारी है। जिसमें बहुत सी चीजें एक साथ होंगी।
इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 चंडीगढ़ और पंचकूला के बीच बनेगा क्लोवरलीफ
आरयूबी और फ्लाइओवर रेलवे स्टेशन के पास डेवलपमेंट के साथ ही बढ़ते ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के साथ ही एक क्लोवरलीफ भी रेलवे डेवलप करेगा। जिसमें रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) और फ्लाईओवर भी बनेगा। जो आरयूबी बनेगा, वह चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में गरचा चौक से होते हुए मौलीजागरां राउंडअबाउट से पंचकूला के सेक्टर-17 और 18 के डिवाइडिंग रोड से कनेक्ट होगा। इससे मध्य मार्ग और दक्षिण मार्ग के साथ ही पंचकूला, जीरकपुर एरिया को एक नया वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। अभी रेलवे लाइन की वजह से पंचकूला की इंडस्ट्रियल एरिया से कनेक्टिविटी नहीं है। आरयूबी के बाद पंचकूला के सेक्टर-7, 8, 18, 6 और अन्य सेक्टरों को सीधे तौर पर फायदा होगा। इस एरिया का ट्रैफिक मध्य मार्ग के जाम में नहीं फंसेगा।एडवाइजर मनोज कुमार परिदा ने बताया कि रेलवे ही यह आरयूबी डेवलप करेगा। इसका खर्च भी रेलवे वहन करेगा। आरयूबी के साथ ही फ्लाईओवर भी बनेगा। पूरा क्लोवरलीफ यहां डेवलप होगा।
45 साल की लीज से अटका था प्रोजेक्ट
ऑफिसर्स के मुताबिक अभी तक रेलवे का यह प्रोजेक्ट इसलिए शुरू नहीं हो पाया था। क्योंकि पहले यह जमीन 45 साल की लीज पर बिल्डर्स को दी जा रही थी। 45 साल को बिल्डर्स कम समय मान रहे थे। उनका मानना था कि इससे उनका पैसा ही मुश्किल से वापस निकलेगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने लीज को बढ़ाकर 99 साल कर दिया। ऐसा करने से अब प्रोजेक्ट पर स्थानीय प्रशासन से भी किसी तरह की कोई मंजूरी की जरूरत नहीं रह गई है।
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