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पंचकूला में डेंगू से बिगड़े हालात, शहर से लेकर गांव भी चपेट में, एक हफ्ते में 8 लोगों की मौत से हड़कंप

हरियाणा के पंचकूला जिले में डेंगू जानलेवा साबित हो रहा है। बीते एक हफ्ते में आठ लोगों की मौत हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने एक ही मौत की पुष्टि की है। बावजूद जिले में डेंगू से हालात बेकाबू हो रहे हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 04:34 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 04:34 PM (IST)
पंचकूला में डेंगू से बिगड़े हालात, शहर से लेकर गांव भी चपेट में, एक हफ्ते में 8 लोगों की मौत से हड़कंप
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 600 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। पंचकूला में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। एक मौत की अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुष्टि की गई है, लेकिन आए दिन कहीं ना कहीं से मौत की सूचना आ रही है। इस समय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 600 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। जिले में बुखार से मरने वाले लाेगाें के कई मामले सामने आने के बाद भी विभाग पर सवाल खड़े हाे रहे है। पहले अर्बन एरिया में डेंगू सस्पेक्टिड मरीजाें की माैत के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब ग्रामीण एरिया में भी बुखार से ग्रस्त लाेगाें की माैत मामले सामने आ रहे हैं।

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बुधवार को आशियाना कांप्लेक्स सेक्टर-20 में एक युवती की मौत हुई है। घरवालों ने बताया कि उनकी बेटी कुछ दिन पहले ही डेंगू हुआ था। उसका नागरिक अस्पताल सेक्टर 6 में इलाज चल रहा था। वार्ड नंबर 15 के पार्षद गौतम प्रसाद का दावा है कि आशियाना कांप्लेक्स में पिछले 10 में चार लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें दो महिलाएं, एक युवक और एक युवती शामिल है। चारों को डेंगू था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, बरवाला के भरेली गांव में पिछले एक हफ्ते में चार लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि इन सभी को तेज बुखार था।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग ये दावा कर रहा है कि इन चाराें लाेगाें ने अपना डेंगू टेस्ट ही नहीं करवाया। अगर करवाया हाेगा ताे उसकी रिपाेर्ट अभी तक विभाग की टीम काे नहीं दी गई। इससे ये नहीं कह सकते कि इनकी माैत डेंगू के कारण हुई है। अधिकारियाें का कहना है कि जब तक किसी भी मरीज की डेंगू सिराेलाजी रिपाेर्ट में पुष्टी नहीं हाेती, तब तक मरीज काे डेंगू कन्फर्म नहीं माना जा सकता। अगर किसी का कार्ड टेस्ट किया जाता है और उसमें डेंगू पाया जाता है ताे उसके अलाइजा या एनएस-1 टेस्ट किया जाता है। अगर इनमें भी डेंगू की पुष्टी हाेती है ताे ही डेंगू कन्फर्म किया जाता है।

222 सैंपलाें की जांच, 118 पाॅजिटिव निकले, इनमें पंचकूला के 28 लाेग

बुधवार काे विभाग की ओर से 222 सैंपलाें की जांच रिपाेर्ट दी गई। इसमें कुल 118 सैंपलाें में डेंगू की पाॅजिटिव रिपाेर्ट पाई गई। जिसमें सबसे ज्यादा 67 पंचकूला के बाहर रहने वाले लाेग डेंगू पाॅजिटिव पाए गए। इसके अलावा 23 मरीजाें काे ट्रेस ही नहीं किया गया। क्याेंकि इन मरीजाें के एड्रेस पूरे नहीं थे और माेबाइल नंबर भी गलत दिए हुए हैं। अब अर्बन एरिया के साथ रूरल एरिया में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। बुधवार काे 28 मामलाें में सबसे ज्यादा 10 मामले भरेली गांव के है। इसके अलावा कालका से 7, पिंजाैर से 3, नानकपुर से 2, काेट बिल्ला से 3 और रायपुररानी से 2 डेंगू के मामले आए हैं।

एक हफ्ते बाद मिल रही रिपाेर्ट

बड़ी समस्या ये भी है कि कुछ नर्सिंग हाेम, प्राइवेट क्लीनिक और अस्पताल स्वास्थ्य विभाग काे डेंगू मामलाें की पूरी जानकारी नहीं दे रहे। विभाग के पास ऐसी कई रिपाेर्ट आई है, जिसमें मरीज प्राइवेट इलाज करवा रहा है और उसमें डेंगू की पुष्टी करीब 6 दिन पहले हुई थी। ऐसे मामले में विभाग की ओर से भी प्राइवेट क्लीनिक और नर्सिंग हाेम संचालकाें पर नकेल नहीं कसी जा रही। जबकी, स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम भी पंचकूला में बिगड़ हालाताें के बारे में दाैरा कर चुकी है। उनकी ओर से भी ऐसे मामलाें में कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। इसके बाद भी विभाग ने प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग हाेम और लैब काे सिर्फ मेल भेजकर पल्ला छाड़ लिया है।

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"बरवाला के भरेली गांव में बुखार से चार लाेगाें की माैत का पता चला था। एक मरीज घर पर था, उसे तेज बुखार था, उसे कहीं लेकर नहीं गए थे। एक जीएमसीएच-32 में माैत हुई है। एक मरीज का कहीं प्राइवेट बीएएमएस डाॅक्टर के पास इलाज चल रहा था। वह डायबिटीज से भी पीड़ित था। इनमें किसी ने डेंगू का टेस्ट नहीं करवाया। सेक्टर 20 में जिस बच्ची की माैत हुई है, उसके बारे में नहीं पता। रिपाेर्ट देने के लिए भी सब प्राइवेट, क्लीनिक काे मेल करवाया है। जितने भी बड़े अस्पताल है, वाे सब रिपाेर्ट दे रहे है। डेंगू टेस्ट के लिए जाे फीस निर्धारित है, उसके लिए भी सभी लैब काे लिखा गया है। जाे एड्रेस ट्रेस नहीं हाे रहे, वाे सिविल अस्पताल का काम हैं। उसके बारे में पीएमओ ही बता पाएंगे।

                                                                                                       -डाॅ मुक्ता, सीएमओ, पंचूकला


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