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पंजाब के पूर्व DGP सैनी से SIT ने पूछेे 250 सवाल, नहीं कर पाए संतुष्ट, फिर हो सकती है पूछताछ

IAS Son Murder Case पूर्व आइएएस अफसर के बेटे के अपहरण व हत्या मामले में नामजद पंजाब के पूर्व डीजीपी से एसआइटी ने पूछताछ की। सैनी एसआइटी को संतुष्ट नहीं कर पाए। उनसे दोबारा पूछताछ हो सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 10:41 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 11:39 AM (IST)
पंजाब के पूर्व DGP सैनी से SIT ने पूछेे 250 सवाल, नहीं कर पाए संतुष्ट, फिर हो सकती है पूछताछ
मोहाली में पूछताछ के बाद रवाना होते सुमेध सिंह सैनी। जागरण

जेएनएन, मोहाली/फरीदकोट। IAS Son Murder Case: आइएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण एवं हत्या के 29 साल पुराने मामले में घिरे पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) के सामने पेश हुए। एसपी हरमन हंस व उनकी टीम ने छह घंटे तक सैनी से लगभग 250 सवाल पूछे।

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सैनी से पूछे गए ज्यादातर सवाल सरकारी गवाहों के सैनी के खिलाफ दिए गए बयानों के बारे में ही थे, क्योंकि उनके सरकारी गवाह बनने के बाद ही सैनी के खिलाफ धारा 302 दर्ज हुई थी। इससे जुड़े पांच सवालों के जवाब से एसआइटी संतुष्ट नहीं हुई।

सूत्रों के अनुसार एसआइटी सैनी को दोबारा नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने के लिए बुला सकती है। पूछताछ के दौरान सैनी तीन बार अपने वकील से बात करने के लिए बाहर आए और उनसे सलाह लेने के बाद पानी पीकर अंदर चले गए। उनके चेहरे पर चिंता साफ नजर आ रही थी। उन्हें पूछताछ के दौरान ही जानकारी मिल गई थी कि उन्हें बहिबलकलां गोलीकांड में भी मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर नामजद किया गया है। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है।

एसी कमरे में वकीलों के साथ खाया खाना

काले रंग का कोट पहने सैनी मुंह ढककर थाने में आए। उनके आते ही सभी अधिकारी व पुलिस कर्मचारी खड़े हो गए। उनके सुरक्षाकर्मी बाहर रुक गए। सैनी एसएचओ के कमरे में चले गए। उन्हें बैठाने के बाद ही आलाधिकारियों ने अपनी कुर्सी ली। ढाई बजे सैनी ने एएसआइ के एसी रूम में अपने वकीलों के साथ खाना खाया। इसके बाद फिर पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ के दौरान पब्लिक डीलिंग बंद रही।

अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी लगाए

सैनी की सुरक्षा में मटौर थाने की पुलिस के अलावा 45 मुलाजिम पुलिस लाइन से बुलाए गए थे। थाने का मुख्य गेट बंद कर किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। पीछे पार्क में भी पुलिस तैनात गए थे। पूछताछ खत्म होने के बाद जब सैनी बाहर आए, तो सभी आलाधिकारी उन्हें गाड़ी तक छोड़ने आए। गेट के बाहर तैनात पुलिस मुलाजिमों ने सैनी की गाड़ी बाहर निकलने से पहले ट्रैफिक रुकवाया।

बहिबल गोलीकांड में पूर्व डीजीपी सैनी नामजद

बलवंत सिंह मुल्तानी अपहरण और हत्या केस का सामना कर रहे पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बहिबल गोलीकांड की जांच कर रही एसआइटी ने सैनी और सस्पेंड चल रहे आइजी परमराज सिंह उमरानंगल को इसमें आरोपित बनाया है। दोनों को इस मामले में थाना बाजाखाना में दर्ज केस में नामजद किया गया है। इसकी पुष्टि थाना प्रभारी इकबाल हुसैन ने की है।

14 अक्टूबर 2015 को हुए बहिबलकलां गोलीकांड में दो युवकों की मौत हो गई थी। इस मामले में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर चार पुलिस अधिकारियों मोगा के पूर्व एसएसपी चरणजीत सिंह शर्मा, फाजिल्का के तत्कालीन एसपी बिक्रमजीत सिंह, एसआइ प्रदीप सिंह व अमरजीत सिंह पर केस दर्ज किया गया था।

इसमें चरणजीत शर्मा जेल में बंद है जबकि शेष तीनों हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत पर हैं। 15 सितंबर 2020 को इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह वादा माफ सरकारी गवाह बन गया था। अब इस मामले में पूर्व डीजीपी सैनी और आइजी उमरानंगल को भी नामजद किया गया है। मुल्तानी मर्डर केस में सैनी की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।


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