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सिंगला का सुझाव, टीवी चैनलों पर रोज दो घंटे का मुफ्त टाइम स्लॉट शिक्षा को मिले

पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने सभी न्यूज चैनल पर दो घंटे का स्लॉट बच्चों को पढ़ाने के लिए लेक्चर्स को देने की मांग की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 01:00 PM (IST)
सिंगला का सुझाव, टीवी चैनलों पर रोज दो घंटे का मुफ्त टाइम स्लॉट शिक्षा को मिले
सिंगला का सुझाव, टीवी चैनलों पर रोज दो घंटे का मुफ्त टाइम स्लॉट शिक्षा को मिले

जेएनएन, चंडीगढ़। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना एवं प्रसारण मंत्री रवि शंकर प्रसाद के साथ वीडियो कांफ्रेंस में पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने सुझाव दिया कि सभी टीवी चैनलों को निर्देश दिए जाएं कि वह शिक्षा लेक्चरर्स के प्रसारण के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को रोज दो घंटे का मुफ्त टाइम स्लॉट मुहैया करवाएं।

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सिंगला ने कहा कि कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई के नुकसान की भरपाई समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 लागू होने के कारण केंद्र सरकार के पास सभी अधिकार आरक्षित हैं, इसलिए विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान के सम्मुख सभी टीवी चैनलों को अनिवार्य मुफ्त टाइम स्लॉट चलाने के लिए कहा जाए।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न कक्षाओं के लिए लेक्चर प्रसारित करने के लिए पंजाब को दूरदर्शन के कम से कम चार समर्पित चैनल मिलने चाहिए। इन चैनलों पर रोजाना के छह घंटे के समय के अलावा फिर प्रसारण के लिए इतना ही और समय मिलना चाहिए। विभिन्न कक्षाओं के लेक्चर प्रसारित करने के लिए शिक्षा विभाग ने टीवी चैनल मुहैया करवाने के लिए दूरदर्शन को लिखा था, लेकिन अभी तक इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।

यह मामला एनसीईआरटी के पास भी उठाया गया था और पंजाब के विद्यार्थियों के लिए सातवीं और आठवीं कक्षा के विभिन्न विषयों की प्रसारण सामग्री प्रसारित करने के लिए भेजी गई थी। एनसीईआरटी ने विश्वास दिलाया है कि वह रोजाना के दो घंटे का प्रसारण शुरू करेगी, जिसका इतने ही समय के लिए उसी दिन फिर प्रसारण होगा।

ऑनलाइन क्लासों के लिए इंटरनेट की मांग पर सिंगला ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार के अधीन आते बीएसएनएल समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों को भी निर्देश दिए जाएं कि वह इंटरनेट सेवा मुफ्त मुहैया करवाएं, जिससे ऑनलाइन क्लासों व गरीबों तक शिक्षा की व्यापक पहुंच का लक्ष्य हासिल किया जा सके। गांवों में विद्यार्थियों को मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन की इजाजत होनी चाहिए और कम से कम मौजूदा साल के लिए बीएसएनएल और अन्य ऑपरेटरों को ज़रूरी हिदायतें जारी करने की जरूरत है।

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