मध्य प्रदेश में कमलनाथ को सीएम प्रोजेक्ट कर पंजाब में घिरी कांग्रेस
मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करके कांग्रेस घिर गई है। आम आदमी पार्टी, एसजीपीसी और डीएसजीएमसी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मध्य प्रदेश में कमलनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करके कांग्रेस घिर गई है। अकाली दल सड़कों पर विरोध प्रदर्शन पर उतर आई है। शुक्रवार को अकाली दल की यूथ विंग ने लुधियाना में कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कहा कि कांग्रेस ने सिख विरोधी होने का एक बार फिर परिचय देते हुए कमलनाथ को मुख्यमंत्री घोषित किया है। वहीं, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (डीएसजीएमसी) ने कमलनाथ को सीएम बनाने का विरोध जताया है। पंजाब में आप के बागी खैहरा गुट ने भी 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपित कमलनाथ का नाम सीएम के रूप में आगे बढ़ाने का जोरदार विरोध किया है।
विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि यह पीड़ित सिख परिवारों को इंसाफ देने के बजाय बार-बार उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। खैहरा ने कांग्रेस को कमलनाथ पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। डीएसजीएमसी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी धमकी दी कि यदि कमलनाथ को सीएम बनाया गया, तो पार्टी कांग्रेस का जोरदार विरोध करेगी।
चीमा ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह व पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा, यदि कमलनाथ सचमुच पाक-साफ हैं तो कांग्रेस ने 2016 में कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाने का फैसला वापस क्यों लिया था? चीमा ने कहा कि नानावती आयोग समेत मीडिया व दो न्यायिक जांच में कमलनाथ की स्पष्ट भागीदारी सामने आई है। उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय बड़े रुतबे पर बैठाकर कांग्रेस सिखों को चिढ़ाने का काम कर रही है।
नानावती आयोग की रिपोर्ट में दर्ज है नाम
चीमा ने कहा कि नानावती आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट दर्ज है कि पहली नवंबर 1984 को कमलनाथ उन 4000 लोगों की भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने गुरुद्वारा श्री रकाबगंज पर हमला कर आगजनी की और निर्दोष लोगों की जान ली। आयोग ने कमलनाथ को क्लीन चिट नहीं दी थी।
प्रसिद्ध पत्रकार संजय सूरी ने आयोग के पास कमलनाथ की सिख विरोधी दंगों में भागीदारी की बात कही थी। सूरी ने मिश्रा आयोग के पास हल्फिया बयान दोहराया था। गवाह मुख्तियार सिंह ने भी यही आरोप लगाए थे। 2 नवंबर 1984 को अंग्रेजी के एक बड़े अखबार में खबर छपी थी, इसमें दावा किया गया था कि कमलनाथ की घटनास्थल पर 2 घंटे तक मौजूद थे।
केस दोबारा खुलवाने की मांग
चीमा ने राहुल गांधी से मांग की है कि कमलनाथ के नाम पर विचार न किया जाए। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह बिना किसी देरी के कमलनाथ के विरुद्ध केस री-ओपन कर समयबद्ध जांच करवाएं।
कांग्रेस ने सिखों के जख्म कुरेदने का काम किया: एसजीपीसी
अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रवक्ता व सचिव दिलजीत सिहं बेदी ने एसजीपीसी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल के हवाले से कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही सिखों के कातिलों को शह दी है। कांग्रेस ने सिखों के जख्मों को कुरेदने का काम किया है।