शहीदों के परिजन बोले, हमारे बेटों का सिर काट ले जाने वालों को जफ्फी डाल सिद्धू ने जख्मों पर नमक छिड़का
:::फूटा गुस्सा::: -कहा, सिद्धू की इस हरकत से सेना का मनोबल भी गिरा -मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद
:::फूटा गुस्सा:::
-कहा, सिद्धू की इस हरकत से सेना का मनोबल भी गिरा
-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से उठाएंगे मुद्दा
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को जफ्फी डालने पर शहीदों के परिवारों ने कड़ी आपत्ति जताई है। चंडीगढ़ में सोमवार को प्रेस के दौरान शहीदों के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा, 'हमारे बेटों का सिर काट ले जाने वालों को जफ्फी डालकर सिद्धू ने जख्मों पर नमक छिड़का है। सेना प्रमुख के हुक्म पर ही हमारे जवानों पर गोलियां चलती हैं और सिद्धू उसको जफ्फी डाल कर शहीदों का अपमान कर रहे हैं।'
पंजाब और हरियाणा से आए शहीदों के पारिवारिक सदस्यों ने अपना दर्द और गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि सिद्धू ने हमारे दिल को गहरी ठेस पहुंचाई है। पाकिस्तानी सेना तरनतारन के शहीद सूबेदार परमजीत सिंह का सिर काट कर ले गई थी। उनके पारिवारिक सदस्यों ने कहा कि सिद्धू ने शहीद परिवारों को बहुत दुख पहुंचाया है। सिद्धू को हमारे दर्द का अंदाजा नहीं
शहीद गुरसेवक सिंह के पिता सुच्चा सिंह ने कहा कि नवजोत सिद्धू ने मेरे बेटे की शहादत का अपमान किया है। मेरे बेटे का कुछ माह पहले ही विवाह हुआ था और वह देश की रक्षा करते हुए पाकिस्तानी सेना की गोली का शिकार हो गया। सिद्धू ने मेरे बेटे के कातिलों को जफ्फी डाल कर पूरी कौम का सिर झुका दिया है। सिद्धू को शहीद परिवारों के दर्द का अंदाजा नहीं है कि किस तरह एक विधवा और शहीद के परिवारों को मर-मर कर जिंदगी गुजारनी पड़ती है। शहीद परिवारों व सेना से माफी मांगें
शहीदों के परिजनों ने कहा कि वह यह मुद्दा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से उठाएंगे। वह मांग करेंगे कि सिद्धू सार्वजनिक तौर पर शहीद परिवारों और भारतीय सेना के जवानों से माफी मागें। राहुल-कैप्टन भी दें जवाब
शहीद सूबेदार परमजीत सिंह के भाई ने कहा कि कैप्टन समेत काग्रेस प्रधान राहुल गाधी को भी इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। उन्हें सिद्धू को लेकर पार्टी का स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।
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सरना ने किया बचाव, कहा- कॉरिडोर खोलने का पैगाम लेकर पंथ के लिए बड़ा काम किया
अमृतसर: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष परमजीत ¨सह सरना सिद्धू के बचाव में उतर आए हैं। सरना ने कहा कि नवजोत ¨सह सिद्धू अपने दोस्त इमरान खान की ताजपोशी में निजी तौर पर भाग लेने गए थे। पाक सेना प्रमुख के साथ गले मिल कर वह कारतारपुर कॉरिडोर खोलने का पैगाम लाए हैं। यह सिख पंथ के लिए बडे़ सुकून वाला फैसला है। सिद्धू पंजाब सरकार की सहमति से ही पाकिस्तान गए थे और पाकिस्तान एंबेसी से पाक जाने का वीजा लिया था। अगर भारत सरकार को सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर कोई आपत्ति थी, तो सरकार सिद्धू को भारत-पाक सीमा पर भी रोक सकती थी। सिद्धू का गले मिलना कोई मायने नहीं रखता, जबकि पाक सेना प्रमुख की ओर से गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर के दर्शन के लिए रास्ता देने का विशेष महत्व है। पाक सेना प्रमुख की ओर ये यह भरोसा देना बड़ी बात है। सिद्धू का विरोध करने वाले अकाली-भाजपा के एजेंट हैं। उन्हें सिद्धू का स्वागत करना चाहिए था। करतारपुर का मामला सिखों के साथ जुड़ा है। गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व सभी देशों के दूतावासों में मनाया जा रहा है। यह एक स्वागत वाला फैसला है। सिद्धू के मुद्दे को राजनीतिक तूल नहीं देना चाहिए।