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Sidhu Moose wala Murder: चचेरे भाई की हत्या का बदला लेने गोल्डी बराड़ ने अपराध की दुनिया में रखा था कदम

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के तत्काल बाद गोल्डी बराड़ ने इंटरनेट मीडिया पर आकर इसकी जिम्मेदारी ली थी। गोल्डी चचेरे भाई की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में उतरा था और अब एक बड़ा गैंगस्टर बन गया है।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaPublished: Sat, 03 Dec 2022 10:38 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2022 10:38 AM (IST)
मूसेवाला हत्याकांड का माइस्टरमाइंड गोल्डी बरार। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, रोहित कुमार। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। इस वर्ष 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या के तत्काल बाद गोल्डी बराड़ ने इंटरनेट मीडिया पर आकर इसकी जिम्मेदारी ली थी। उसने कहा था कि यह हत्या यूथ अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला है। गोल्डी बराड़ का असली नाम सतिंदर सिंह है। वह अपने चचेरे भाई की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में उतरा था। बराड़ मुक्तसर के आदेश नगर का रहने वाला है, लेकिन बाद में उसका परिवार फरीदकोट शिफ्ट हो गया था। बराड़ इंटरनेट मीडिया पर पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भी धमकियां दे चुका है। वह कना में बैठकर लारेंस बिश्नोई के गैंग को आपरेट कर रहा था।

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चचेरा भाई लारेंस बिश्नोई का काफी करीबी

गोल्डी का चचेरा भाई गुरलाल बराड़ को लारेंस बिश्नोई का काफी करीबी माना जाता था। गुरलाल ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में पढ़ते हुए उसने लारेंस के सहयोग से स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन आफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) नाम से संगठन तैयार किया था। अक्टूबर 2020 में उसकी चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में हत्या कर दी गई थी। इसका बदला लेने के लिए वह लारेंस बिश्नोई के करीब आया। गुरलाल बराड़ की हत्या में यूथ कांग्रेस के नेता गुरलाल पहलवान का नाम सामने आया था, जिसकी गोल्डी बराड़ ने हत्या करवा दी थी। इसके कुछ दिन बाद ही वह कनाडा भाग गया था।

कनाडा में लारेंस का गैंस चलाया

कनाडा में बैठ कर वह जेल में बंद लारेंस का गैंग चलाने लगा। 25 फरवरी, 2022 को गुरुग्राम में एक पूर्व पार्षद परमजीत ठकरान और उनके भाई सुरजीत की हत्या कर दी गई। शराब कारोबार के चलते इन दोनों की दुश्मनी अजय जैलदार से थी। अजय जैलदार ने लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ से मिलकर इन हत्याओं को अंजाम दिया था। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी वसूलने और अपहरण के कई मामले दर्ज हैं। बीते दिनों अमृतसर और बठिंडा में कई गोल्डी के साथी पकड़े गए, जो हथियारों की तस्करी से जुटे थे।

चिंतन शिविर में शाह के समक्ष उठा था मुद्दा

विदेश में बैठकर बड़े आपराधिक गिरोह का संचालन कर रहे सत्येंद्रजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी का मुद्दा सूरजकुंड (फरीदाबाद) में हुए गृह मंत्रालय के चिंतन शिविर में उठा था। 27 व 28 अक्टूबर को आयोजित चिंतन शिविर मे सभी राज्यों के गृहमंत्री, गृह सचिव व डीजीपी आए थे। तब शाह के सामने पांच राज्यों ने इस संगठित आपराधिक गिरोह के आतंक से निजात दिलाने के लिए एक संयुक्त टीम बनाने का आग्रह किया था। शाह से इन अपराधियों की पाकिस्तान, दुबई सहित कनाडा में बैठे आतंकियों से संपर्क पर भी चिंता जताते हुए एनआइए की कार्रवाई का सुझाव दिया था। तब शाह ने गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी के संकेत दिए थे।


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