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शहीदों की वीरगाथा... छाती पर गोली खाई और बोला मेरी मां को मत बताना

कारगिल युद्ध में महावीर चक्र विजेता कर्नल बलवान सिंह ने मिलिट्री लिटरेचर फेस्ट में युद्ध के दौरान सैनिकों की वीरगाथा सुनाई। कहा कि सैनिकों ने पाक को पटखनी दी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 06:22 PM (IST)
शहीदों की वीरगाथा... छाती पर गोली खाई और बोला मेरी मां को मत बताना
शहीदों की वीरगाथा... छाती पर गोली खाई और बोला मेरी मां को मत बताना

जेएनएन, चंडीगढ़। कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर काफी संख्या में पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे। उन्होंने ग्रेनेड फेंक कर मेरे कई साथियों को शहीद कर दिया। छाती पर गोली खाने के बाद भी एक सैनिक साथियों को कह रहा था कि हम छोड़ेंगे नहीं इन्हें। लेकिन, गोली लगने की बात मेरी मां को न बताना। कारगिल युद्ध में महावीर चक्र विजेता कर्नल बलवान सिंह ने मिलिट्री लिटरेचर फेस्ट में बहादुरी की दास्तान सुनाई।

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जहाज में श्रीलंका ले गए टैंक

वीर चक्र विजेता कर्नल अनिल कौल ने श्रीलंका-लिट्टे युद्ध में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (आइपीकेएफ) के ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में लिट्टे के साथ युद्ध के लिए मद्रास से जाफना 14 टैंक जहाज से भेजे जाने थे। मद्रास एयरपोर्ट पर गजराज जहाज में टैंक चढ़ाने के लिए कुछ नहीं मिला तो बिल्डिंग पर लगे शटर को उतार नीचे बिछाया।

जाफना से टैंकों को मैं लीड कर रहा था तो लिटटे ने सोचा कि पहले इनके लीडर को ही निशाना बनाया जाए। उसी हमले में मेरी एक आंख और एक हाथ चला गया। 18 घंटे तक मेडिकल एड भी नहीं मिल पाई। लेकिन फिर भी लड़ते हुए क्रू मेंबर्स की मदद से ऑपरेशन सफल बनाया। इस युद्ध में 1500 सैनिक शहीद हुए और करीब 6 हजार घायल हुए। उसके बावजूद उन्हें अहमियत नहीं मिलती है।

कश्मीर में पला बढ़ा, लेकिन निकाल दिया

कर्नल अनिल कौल ने कहा कि वह कश्मीरी पंडित हैं। वहीं पले बढ़े लेकिन बाद में उन्हें कश्मीर से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या की जड़ सोपोर, बारामुला और श्रीनगर सहित दो अन्य जिले हैं। इन जिलों का रोटी-पानी बंद कर देना चाहिए। जैसा चल रहा है इससे हालात नहीं सुधरेंगे। स्टोन पैल्टर के केस हटाए जा रहे हैं। यह सब गलत है।

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