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जांच रिपोर्ट में खुलासा, शुगर मिल मालिकों की घोर लापरवाही से ब्यास नदी में गिरा शीरा

ब्‍यास नदी में चीनी मिल का शीरा गिरने से हजाराें मछ‍लियों के मारे जाने के मामले में जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। कमेटी ने इसके लिए चीनी मिल मालिकों को जिम्‍मेदार माना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 10:16 AM (IST)
जांच रिपोर्ट में खुलासा, शुगर मिल मालिकों की घोर लापरवाही से ब्यास नदी में गिरा शीरा
जांच रिपोर्ट में खुलासा, शुगर मिल मालिकों की घोर लापरवाही से ब्यास नदी में गिरा शीरा

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]!  गुरदासपुर के कीड़ी अफगाना में चड्ढा शुगर मिल से ओवर फ्लो हुए शीरे के ब्यास दरिया में मिलने के मामले में मिल मालिकों की घोर लापरवाही सामने आई है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर जीएस मजीठिया ने अपनी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोशन सुंकारिया को सौंप दी है। जांच कमेटी ने पाया कि शीरे के ओवरफ्लो होने की घटना जानबूझ कर रची गई साजिश नहीं थी, लेकिन मिल मालिकों ने घोर लापरवाही बरती। इस कारण यह दुर्घटना हुई। शीरे के रखरखाव में सावधानी नहीं बरती गई। हालांकि रिपोर्ट में शीरे में आए उबाल और उसके ब्यास नदी में मिलने को दुर्घटना ही बताया गया है।

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जांच कमेटी ने पेश की रिपोर्ट; सीएमओ ने आज बुलाई आपात बैठक, कई अधिकारी तलब

वहीं, वन्‍यजीव विभाग के चीफ वार्डन कुलदीप कुमार का कहना है कि प्रदूषित हुए पानी से केवल मछलियां ही नहीं मरी हैं, बल्कि सांप, मेंढक आदि भी मरे होंगे। जो मछलियां मर गई हैं, उनके दोबारा विकसित होने में कई वर्ष लग जाएंगे। नुकसान की भरपाई करने में काफी वक्त लगेगा।

इस बीच, घटना को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) बेहद गंभीर हो गया है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर की ओर से मांगी गई रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्यपाल की चिट्ठी के बाद सीएम कार्यालय ने संबंधित विभाग के कई अधिकारियों को तलब किया है। इनकी बुधवार को बैठक बुलाई गई है। उन्हें इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट देने के साथ-साथ यह भी बताने को कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्या किया जाना चाहिए। वहीं, मनाली में छुट्टियां बिता रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के वीरवार को लौटने की उम्मीद है। उनके आने पर कार्रवाई हो सकती है।

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से यह संकेत मिले हैं कि मिल मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चड्ढा परिवार का राजनीतिक लोगों मे भी रसूख है, लेकिन कड़ी कार्रवाई करना सरकार के लिए मजबूरी भी बनता जा रहा है, क्योंकि यह घटनाक्रम राष्ट्रीय स्तर पहुंच चुका है।

आज मंत्री के पास जाएगी रिपोर्ट

पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोशन सुंकारिया ने कहा कि रिपोर्ट संभवत: आज पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी को यह रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी का कहना है कि उन्हें अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट के बाद ही मिल मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी। मिल को सील कर दिया गया है और 25 लाख रुपये की सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली गई है। ऐसे सरकार की मंशा पर सवाल उठाना गलत है। इस पर जब उनसे पूछा गया कि जब गन्ने की पिराई ही नहीं हो रही है, तो मिल को सील करने का क्या फायदा? इस पर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।

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शिकायत दबाए जाने की संभावना पर भी जांच शुरू

बटाला (गुरदासपुर): करीब डेढ़ माह पहले ही मछली पालन विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई थी कि दरिया में प्रदूषित पानी छोड़े जाने से मछलियां मर रही हैं। अब इस संभावना की भी जांच की जा रही है कि कहीं शिकायत दबाई तो नहीं गई। डेढ़ माह पहले विभाग ने क्या कार्रवाई की। जांच जल्द पूरी हो जाएगी।

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पानी में नहीं मिला था जहरीला तत्व

लुधियाना: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) की टीम ने प्रारंभिक जांच में दरिया के पानी के बहुत ज्यादा एसिडिक (तेजाबी) होने का खुलासा किया था। मंगलवार को फिशरीज कॉलेज के डीन डॉ. कुलबीर सिंह संधू ने बताया कि मछलियों के नमूनों की जांच में कोई जहरीला तत्व नहीं पाया गया है। मछलियों के मरने का कारण शीरे की वजह से पानी का तेजाबी होना ही था।


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