दो हत्याओं के मामलों में सात गवाहों के बयान दर्ज
बहुचर्चित रणजीत सिंह और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई के दौरान सात गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
जासं, चंडीगढ़ : बहुचर्चित रणजीत सिंह और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या केस में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई के दौरान सात गवाहों के बयान दर्ज किए गए। खट्टा सिंह की गवाही के बाद बचाव पक्ष ने कुछ गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए याचिका लगाई थी। उस याचिका को स्वीकार करने के बाद ही बयान दर्ज किए जा रहे हैं। सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि पत्रकार छत्रपति हत्या केस में चार गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं, जबकि रणजीत सिंह हत्या मामले में तीन गवाहों के बयान दर्ज किए गए। मामले की सुनवाई के दौरान इन मामलों में आरोपित डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये कोर्ट में पेश हुए। इन दोनों केसों में बचे बाकी गवाहों के कोर्ट में बयान अगली सुनवाई पर दर्ज किए जाएंगे। अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। गीतांजलि मर्डर केस में दो गवाहों ने बया दिए
पंचकूला : गीताजलि मर्डर मामले में विशेष सीबीआइ अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई। दहेज हत्या के मामले के आरोपित पूर्व सीजेएम रवनीत गर्ग कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई में दो गवाहों के बयान भी दर्ज हुए। उनमें से एक गवाह ने आरोपित रवनीत गर्ग के करियर के बारे में बताया। वहीं, दूसरे गवाह ने रवनीत गर्ग की सर्विस रिवॉल्वर को लेकर बयान दर्ज करवाए। मामले की अगली सुनवाई अब 6 सितंबर को होगी। मामला महत्वपूर्ण पड़ाव पर है। मृतका गीताजलि का भाई अपने पहले दिए बयानों से मुकर चुका है और आरोपित रवनीत गर्ग को हाईकोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है। वहीं, इस मामले में गीतांजलि के पिता ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा है कि यह मामला तो हत्या का था, लेकिन अब सीबीआइ ने इसे दहेज की तरफ मोड़ दिया है। अग्रवाल ने कहा कि उनकी बेटी की हत्या हुई थी, इसमें दहेज का कोई लेना-देना ही नहीं था। यदि हमारी बेटी को दहेज के लिए तंग करते होते, तो हम 6 साल पहले बोलते। परंतु सीबीआइ ने मामले को कुछ ओर ही रंग दे दिया है।