गाड़ी की बैक सीट पर सीट बेल्ट जरूर लगाएं, चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस दे रही जसपाल भट्टी का उदाहरण, पंफ्लेट भी बांटे
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर (एसआइ) भूपिंदर सिंह जो अपने गानों के लिए मशहूर हैं वह लोगों को पंफ्लेट बांटकर गाड़ी में सीट बेल्ट लगाने की अपील कर रहे हैं। एसआइ गाड़ी की बैक सीट पर बैठे लोगों को सीट बेल्ट लगाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। Chandigarh Traffic Police: चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर लोगों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ा रही है। इन दिनों गाड़ी की पिछली सीट पर बैठी सवारियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। शहर की सड़कों पर लाइट प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे लोगों को सीट बेल्ट लगाने के लिए अवेयर कर रहे हैं। हालांकि चंडीगढ़ में कार की बैक सीट पर सीट बेल्ट न लगाने पर चालान है, लेकिन अभी पुलिस चालान काटने के बजाए लोगों को सीट बेल्ट लगाने के लिए जागरूक कर रही है।
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर (एसआइ) भूपिंदर सिंह जो अपने गानों के लिए मशहूर हैं, वह लोगों को पंफ्लेट बांटकर गाड़ी में सीट बेल्ट लगाने की अपील कर रहे हैं। एसआइ भूपिंदर सिंह लाइट प्वाइंट पर उन लोगों को पंफ्लेट बांट रहे हैं जो गाड़ी की बैक सीट पर बैठे हैं और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई है।
Yesterday @trafficchd conducted a #roadsafetyawareness Program at Sec-43/44/51/52 Chowk CHD. Citizens were educated about #seatbelt #BeAGoodSamaritan, the importance of wearing proper safety headgear (#helmet) the importance of #lanedriving,#cycletrack, #zebracrossing, pic.twitter.com/0ub3scrOp1— Chandigarh Traffic Police (@trafficchd) October 13, 2022
कलाकार जसपाल भट्टी का दिया जा रहा उदाहरण
ट्राईसिटी के हास्य कलाकार जसपाल भट्टी की मौत 12 साल पहले 25 अक्टूबर 2012 को सड़क हादसे में हुई थी। 57 वर्षीय भट्टी फिल्म के प्रमोशन के लिए भठिंडा से जालंधर जा रहे थे, तभी उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई। वह गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे थे, लेकिन उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। इस वजह से वह हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। एसआइ भूपिंदर सिंह जसपाल भट्टी की मौत का उदाहरण देकर लोगों को सीट बेल्ट लगाने के लिए समझा रहे हैं। भूपिंदर सिंह बता रहे हैं कि जसपाल भट्टी की सड़क हादसे में इस वजह से ही मौत हुई थी क्योंकि उन्होंने पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। उनकी कार पेड़ से टकराई और वह पिछे की सीट से उछलकर आगे आ गए जिस वजह से उनकी मौत हो गई। ऐसे में इसलिए गाड़ी की बैक सीट पर बैठी सवारियों के लिए भी सीट बेल्ट उतनी ही जरूरी है जितनी आगे वाले सवारियों के लिए है।
साइरस मिस्त्री की मौत के बाद सीट बेल्ट पर ज्यादा जोर
वहीं कुछ दिन पहले में टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की इसी तरह सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह भी गाड़ी की बैक सीट पर सवार थे, लेकिन उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। उनकी मौत ने गाड़ी की पिछली सीट पर सीट बेल्ट की अहमियत को लेकर देश भर को जगा दिया था। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी बैक सीट पर भी सीट बेल्ट लगाने को अनिवार्य करने पर जोर दिया था।
चंडीगढ़ में एक हजार रुपये का चालान
चंडीगढ़ में कार की पिछली सीट पर सीट बेल्ट न लगाने पर एक हजार रुपये का चालान का प्रावधान है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस अभी चालान नहीं काट रही है। ट्रैफिक पुलिस के एसआइ भूपिंदर सिंह लोगों को बता रहे हैं कि सिर्फ चालान से बचने के लिए ही सीट बेल्ट न पहनें हादसों में जान बचाने के लिए सीट बेल्ट लगाना जरूरी है।अगर गाड़ी किसी दूसरी गाड़ी को हिट करती है तो पिछे बैठे लोग सीधा आगे गाड़ी के डैशबोर्ड से टकरा जाते हैं, जिससे उनकी जान भी जा सकती है।
मूसेवाला के अंदाज में गाया था गाना
इससे पहले एसआइ भूपिंदर सिंह ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के अंदाज में "तेरा चालान पक्का करना" गाना गाया था। उनका यह गाना भी ट्रैफिक नियमों को लेकर ही था और साथ में इस गाने से उन्होंने सिद्धू मूसेवाला को श्रद्धांजलि भी दी थी। सब इंस्पेक्टर के इस गाने को मूसेवाला के गाने 295 की धून दी गई थी। इस गाने को उन्होंने अपनी फेसबुक वाल पर पोस्ट करने के साथ कैप्शन में लिखा कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की याद में एक गाना मेरा भी।