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चंडीगढ़ में दो नवंबर से खुलेंगे स्कूल, जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी की एडवाइजरी, इन हिदायतों का करना होगा पालन

दो नवंबर से शहर के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल खुलेंगे और 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं लगेंगी। सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी रविंदर कौर ने सभी स्कूल प्रिंसिपल्स को एडवाइजरी जारी करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव की हिदायतों का पालन करने के साथ स्कूलों को खोलने के निर्देश जारी किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 02:56 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 03:12 PM (IST)
चंडीगढ़ में दो नवंबर से खुलेंगे स्कूल, जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी की एडवाइजरी, इन हिदायतों का करना होगा पालन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दो नवंबर से शहर के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल खुलेंगे और 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं लगेंगी। सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी रविंदर कौर ने सभी स्कूल प्रिंसिपल्स को एडवाइजरी जारी करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव की हिदायतों का पालन करने के साथ स्कूलों को खोलने के निर्देश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की तरफ से 15 अक्टूबर को स्कूल खोलने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने उसी दिन स्कूल नवंबर के पहले हफ्ते से खोलने की बात कही थी। अब स्कूलों को 9वीं से 12वीं कक्षाओं के बच्चों के लिए फिर से शूरू करने की सोमवार को घोषणा कर दी गई। हालांकि छोटी कक्षाओं के बच्चों को अभी स्कूल नहीं बुलाया जाएगा।

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स्कूल प्रबंधन को संक्रमण से बचाव के लिए इन नियमों का करना होगा पालन -स्कूलों को खोलने की एडवाइजरी जारी करने के साथ ही कुछ नियम भी बनाए हैं जिनका पालन करना स्कूलों की जिम्मेदारी होगी।

-स्कूल को पूरी तरह से सेनिटाइज और साफ सुथरा रखना होगा।

-दो फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए स्कूलों को नियम बनाना होगा। -स्कूल में आने और बाहर जाने के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे, ताकि दरवाजे पर किसी तरह की भीड़ जमा न हो।

-स्कूलों को कोरोना संक्रमण से बचाव की हिदायतों को लिखकर डिस्प्ले करना होगी, ताकि स्टूडेंट के साथ साथ उनके अभिभावकों या फिर स्कूल में आने वाले अन्य लोगों को सारी जानकारी मिल सके।

-पेरेंट्स और टीचर्स की सहमति के बाद ही स्कूल आ सकेंगे स्टूडेंट्स।

-स्कूल में मेडिकल सुविधा होना जरूरी है, यदि किसी बच्चे को किसी भी प्रकार की मेडिकल फिटनेस की प्रॉब्लम दिखती है तो उसका चेकअप करना भी स्कूल की जिम्मेदारी होगी।

-स्कूल में स्टेशनरी के सामान की उपलब्धता होनी चाहिए। बच्चा किसी भी तरह का सामान लेने के लिए स्कूल से बाहर नहीं जाएगा।


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