प्रिंसिपल के खेतों में काम करने गए थे कर्मचारी, डीईओ ने लुंगी-बनियान में पकड़ा
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल कर्मचारियों से अपने खेतों में काम करवाता था। डीईओ ने उन्हें लुंगी बनियान में पकड़ा।
चंडीगढ़, जेएनएन। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-23 में बुधवार को स्कूल की परवाह छोड़ प्रिंसिपल की ओर से मनमानी करने का खुलासा हो गया। बुधवार को स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंची डीईओ अनुजीत कौर को वहां तैनात पांच फोर्थ क्लास कर्मी अनुपस्थित मिले। डीईओ इससे पहले की कर्मचारी के बारे में और पूछताछ करतीं, पांचों कर्मचारी दीवार फांदकर वापस स्कूल में जा पहुंचे।
स्कूल से गायब रहने कारण पूछने पर उन्होंने अपने जवाब से डीईओ को भी चौंका दिया। बताया कि स्कूल प्रिंसिपल चितरंजन सिंह उन्हें खेतों में काम कराने के लिए ले गए थे। दीवार फांदकर आने वाले कर्मचारियों में से एक स्कूल में डीईओ के सामने लुंगी पहने पेश हुआ। लुंगी पहनकर स्कूल आने का कारण पूछने पर वह रोने लगा। बताया कि खेत में काम करने के दौरान उसने पैंट उतारकर रखी थी, जो कि खेत में ही रह गई। वह लुंगी डालकर खेत में काम कर रहा था। जल्दबाजी में वह लुंगी पहने ही स्कूल पहुंच गया।
अधिकारियों को मिली थी शिकायत
पांच फोर्थ क्लास कर्मचारी स्कूल से गायब हैं, इसकी जानकारी डीईओ को स्कूल के ही स्टाफ ने दी। डीईओ को बताया गया था कि प्रिंसिपल रोजाना कर्मचारियों को खेत में काम कराने के लिए लेकर जा रहे हैं। इसके बाद बुधवार को करीब 12:30 बजे डीईओ, डिप्टी डीईओ मोनिका मैनी के साथ स्कूल पहुंच गईं। डीईओ को स्कूल के निरीक्षण के दौरान पता चला कि स्कूल प्रिंसिपल चितरंजन सिंह 13 नवंबर को हाफ और 14 नवंबर को पूरे दिन की छुट्टी पर था।
दीवार फांदते समय कैमरे में कैद हुए कर्मचारी
विभागीय सूत्रों की माने तो डीईओ ने शिकायत मिलने के बाद कुछ लोगों को स्कूल के बाउंड्रीवाल के पास खड़ा कर दिया था। जैसे ही डीईओ के स्कूल पहुंचने की सूचना कर्मचारियों को मिली तो वह गेट से एंट्री करने के बजाय दीवार फांदकर स्कूल में दाखिल होने की कोशिश करने लगे। इस बीच डीईओ की ओर से दीवार के पास खड़े किए गए लोगों ने दीवार फांदते कर्मचारियों की न सिर्फ फोटो खींच, बल्कि उनकी वीडियो भी बनाई।
प्रिंसिपल ने दी थी नौकरी से निकालने की धमकी
डीईओ ने पांच फोर्थ क्लास कर्मचारियों से लिखित में बयान दर्ज किए। इसमें कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें प्रिंसिपल खेतों में काम कराने के लिए लेकर जाते थे। यदि इंकार करते तो नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती थी।