फंड में हेराफेरीः 72,928 लोगों को स्वर्ग सिधारने के बाद भी दी जाती रही पेंशन
बुढ़ापा पेंशन के नाम पर हर माह 6 से 7 करोड़ रुपये की लूट हो रही थी। इसके बावजूद सरकार इसकी जांच के लिए तैयार नहीं है।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। बुढ़ापा पेंशन के नाम पर हर माह 6 से 7 करोड़ रुपये की लूट हो रही थी। यह लूट कितने वर्षों से जारी थी, कितने करोड़ रुपये की लूट हो चुकी है और इसके लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं, इसकी जांच करवाने को लेकर सरकार की कोई मंशा नहीं लग रही। आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा का कहना है, 'सरकारी खजाने को दोनों हाथों से लूटा गया है, लेकिन सरकार का ध्यान इस तरफ है ही नहीं।'
सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली बुढ़ापा पेंशन की जांच करवाई। इस जांच में 93,521 व्यक्ति वह पाए गए जो कि लाभ पाने के योग्य ही नहीं थे, लेकिन राजनीतिक पकड़ व अपने रसूख के कारण 500 रुपये प्रति माह की बुढ़ापा पेंशन ले रहे थे।
यही नहीं 72,928 वह लोग पाए गए, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनकी पेंशन जा रही थी। 96,525 के पते गलत थे और 99.95 हजार लोग गैर हाजिर पाए गए। जांच के बाद सरकार ने इन व्यक्तियों की पेंशन तो रोक दी, लेकिन सरकार इस मामले की जांच करवाने से पल्ला झाड़ रही है।
सरकार के पास कोई पक्का आकंड़ा नहीं
सरकार के पास इस बात का कोई आंकड़ा नहीं है कि 93,521 वह लोग जोकि पेंशन के योग्य नहीं थे वह कितने वर्षों से पेंशन ले रहे थे और उन्होंने सरकारी खजाने को कितना नुकसान पहुंचाया। यही नहीं इन लोगों के नाम की कि मंजूरी किसने दी। कुछ ऐसा ही रवैया मृतकों के संबंध में भी है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी आखिर पेंशन कैसे जारी रही और वह पेंशन का प्रयोग किसने किया। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सरकार इस मामले की पूरी पड़ताल करे तो यह रकम 100 करोड़ से ऊपर निकल सकती है।
कोई दोषी पाया गया तो होगी कार्रवाई: अरुणा चौधरी
विधानसभा में आप के विधायक अमन अरोड़ा के सवाल के जवाब में समाजिक सुरक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने जवाब दिया है कि नाजायज लाभपात्रियों को लाभ पहुंचाने में अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वोट बैंक की राजनीति के कारण सरकार इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहती है।
अकाली दल जैसा काम कर रही कांग्रेस: अमन अरोड़ा
अमन अरोड़ा का कहना है, हैरानीजनक बात है कि यह लूट वर्षों से चली आ रही है और सरकार इसकी जांच तक नहीं करवाना चाहती। आखिर वह जनता का पैसा था। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि जो काम पहले अकाली दल कर रहा था वहीं काम कांग्रेस सरकार कर रही है। यही कारण है कि सरकार जांच नहीं करवाना चाहती है।