एसबीआइ पर 25 हजार रुपये हर्जाना
शिकायतकर्ता ने 2013 में बैंक से 24.40 लाख रुपये का होम लोन लिया था।
जासं, चंडीगढ़ : डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने एसबीआइ पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। शिकायतकर्ता ने 2013 में बैंक से 24.40 लाख रुपये का होम लोन लिया था। 2018 में शिकायतकर्ता दीपक ने बैंक का पूरा लोन चुकता कर दिया था, लेकिन टाइटल डीड के लिए अप्लाई करने पर बैंक की ओर से उसे बताया गया कि तीन लाख रुपये की राशि बकाया है। इसकी वजह बैंक की ओर से मनमाने तौर पर उपभोक्ता का बीमा कराया जाना है।
कमीशन ने मामले में बैंक को आदेश दिया है कि वह शिकायतकर्ता को मुकदमा खर्च के रूप में दस हजार रुपये अदा करे। इसके साथ 12 फीसद प्रति वर्ष ब्याज की दर से (19 जनवरी 2019 से अभी तक) 3,39,975 रुपये की राशि शिकायतकर्ता को 30 दिनों में वापस करे।
सेक्टर-9 चंडीगढ़ के रहने वाले दीपक अग्निहोत्री और उनकी पत्नी उर्वशी अग्निहोत्री ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दर्ज की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए राजन दीवान की बैंच ने यह आदेश दिया। शिकायत में दीपक और उनकी पत्नी उर्वशी ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के पास सभी आवश्यक दस्तावेज और टाइटल डीड जमा किए थे, बैंक को बाद में भारतीय स्टेट बैंक के साथ विलय कर दिया गया था। शिकायतकर्ता ने पांच वर्ष बाद वर्ष 2018 को लोन की पूरी राशि का भुगतान कर 17 अगस्त 2018 को एनओसी के साथ टाइटल डीड वापस करने के लिए बैंक को कहा, लेकिन बैंक प्रबंधन ने डीड देने से मना कर दिया। बैंक की ओर से एनओसी के साथ टाइटल डीड वापस न करने पर शिकायतकर्ताओं ने बैंक में जाकर संपर्क किया, तब बैंक स्टॉफ ने बताया कि बैंक ने अनिवार्य हाउस इंश्योरेंस के अलावा, एक अन्य बीमा पॉलिसी भी जारी की गई है, जिसे एसबीआइ सुरक्षा नीति कहा जाता है, जिसके लिए 3,39,975 रुपये की राशि बकाया थी। इसलिए उनकी टाइटल डीड रोकी हुई है।