पंचायत चुनाव में अकालियों का फॉर्मूला अपनाएंगे कैप्टन, सीधे चुने जाएंगे सरपंच
पंजाब में पंचायत चुनाव में कैप्टन सरकार अकाली दल का फार्मूला अपनाने की तैयारी में है। पूर्व सरकार के कार्यकाल की तरह सीधे सरपंच चुने जाएंगे।
चंडीगढ़ [निर्मल सिंह मानशाहिया]। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्य की 80 फीसद पंचायतों पर अकाली दल का दबदबा खत्म करने के लिए उन्हीं का फॉर्मूला अपनाने की रणनीति बनाई है। इसके तहत गांवों में सरपंच सीधे चुनाव से बनाए जाएंगे।
मिशन 2019 के अंतर्गत कैप्टन पंजाब में पार्टी के वोट बैंक को गांव-गांव तक मजबूत करना चाहते हैं। कांग्रेसी विधायकों का यह आरोप है कि सरकार की नीतियां लागू करने में मौजूदा अकाली सरपंच बड़ी रुकावट हैं। पंचायत चुनाव अगस्त के पहले हफ्ते और जिला परिषद व ब्लॉक समितियों का चुनाव जुलाई के पहले हफ्ते में होगा।
कैप्टन ने पंचायत चुनाव के लिए 'पुरानी बोतल में नई शराब' वाला पुराना फॉर्मूला लागू करते हुए राज्य की 13,300 पंचायतों के लिए सरपंचों का चुनाव पिछली अकाली -भाजपा सरकार की तर्ज पर ही कराने का फैसला किया है। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने पंचायत, जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के मतदान के संबंध में कांग्रेस विधायकों से सुझाव मांगे थे।
मुख्यमंत्री के आदेशों के अंतर्गत दो चार को छोड़कर बाकी सभी कांग्रेसी विधायकों ने अपने सुझाव ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को दे दिए थे। 77 में से 70 के करीब विधायकों ने राय दी है कि सरपंच सीधी चुनाव प्रणाली से चुना जाए न कि पंचों के माध्यम से। ऐसा करने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। कांग्रेसी विधायकों की सरदारी भी गांवों में होगी।
आधा दर्जन कांग्रेस विधायकों ने पिछले दिनों पंचायत मंत्री के साथ मीटिंग कर मांग की थी कि सरपंचों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाए। इस दौरान पंचायत मंत्री बाजवा ने इन विधायकों को समझाते हुए कहा था कि पंचों के द्वारा सरपंच चुनने वाला फॉर्मूला अकाली दल ने भी 1969 और 1971 के दशक में लागू करके देखा था, लेकिन दोनों बार अकाली दल को यह फॉर्मूला उल्टा पड़ा था। इसके अलावा पंचों की खरीद-फरोख्त के मामले भी सामने आते थे।
चुनाव की तैयारी पूरी: बाजवा
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक सरपंचों के चुनाव में पुरानी चली आ रही प्रणाली ही जारी रहेगी। सभी कांग्रेस विधायकों ने एक सुर में हामी भरी है। इस वर्ष पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव मौजूदा पंचायती राज कानून व इसके नियमों के अनुसार ही होंगी। उन्होंने बताया कि मतदान के लिए तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं।
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