चंडीगढ़ के संजीव राणा ने जीती कोरोना से जंग, बोले- नकारात्मक सोच से बचने के लिए बंद रखा मोबाइल
अगर किसी को कोरोना हो जाए तो ऐसे समय में नकारात्मक सोच को अपने ऊपर हावी न होने दें। क्योंकि कोरोना से ज्यादा आदमी की सोच उसे नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है चंडीगढ़ के संजीव राणा ने जिन्होंने कोरोना को हराया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए आम आदमी अपनी सेहत को लेकर खासा चिंतित है। चंडीगढ़ के संजीव राणा ऐसी शख्स हैं जिन्होंने न सिर्फ कोरोना को हराया, बल्कि अपनी समझदारी से परिवार में भी संक्रमण फैलने से रोका।
मलोया के रहने संजीव राणा बताते हैं कि वह किसी काम के सिलसिले में अपने दोस्तों के साथ पंजाब के होशियारपुर गए थे। वहीं उन्हें शरीर में थकावट और बुखार महसूस होने लगा। तबीयत खराब हुई तो उन्होंने तुरंत अपना कोरोना टेस्ट (Corona Test) करवाया, जो पॉजिटिव आया। संजीव बताते हैं कि उन्होंने वहीं से अपने परिवार को फोन कर बताया कि वह उनका जरूरी सामान एक कमरे में रख दें।
पूरी तरह घर में रखा खुद को अलग
संजीव राणा ने बताया कि उन्होंने घर पर खुद को पूरी तरह से अलग रखा। न्यूज चैनल, अखबार और फोन देखना पहले दिन से बंद कर था। मैं सिर्फ योग करता और सकारात्मक विचारों के लिए विवेकानंद की किताबें को पढ़ता था। पहले चार -पांच दिन तेज बुखार आने पर दवा खाई। इसके बाद शरीर में काफी दर्द रहा । मैं दिन में कई बार काढ़ा पीता, उल्टा सोता, योग करता, पेंटिंग करता। मेरे मन में नकारात्मक विचार न आएं, इसके लिए मैंने फोन बंद कर दिया था। हां, कुछ अपने दोस्तों व परिवारवालों से बातचीत करने के लिए मैं जरूर फोन का इस्तेमाल करता। बीच में मेरी तबीयत बिगड़ी तो मन में नकारात्मक ख्याल भी आए, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और यही सोचता रहा था कि मैं ठीक हूं। अभी दिक्कत ज्यादा नहीं हैं। संजीव बताते हैं कि 18 दिन बाद मैंने अपना दोबारा टेस्ट करवाया, तो मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई। यकीनन यह मेरे लिए यह काफी सुखद था। मुझे खुशी है कि मेरे परिवार का कोई और सदस्य कोरोना संक्रमित नहीं हुआ।
एक ईंट शहीद के नाम के संस्थापक हैं संजीव राणा
समाज सेवी संजीव राणा एक ईंट शहीद के नाम संस्था के संस्थापक हैं। उन्होंने हरियाणा के करनाल, हिमाचल के सरकाघाट व बिलासपुर में लोगों के सहयोग के शहीद स्मारक बनाए हैं। इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र में उन्होंने शहीद स्मारक के साथ एक अखाड़ा भी बनाया है। वह 12 गरीब खिलाड़ियों की पढ़ाई व अन्य खर्चे भी उठाते हैं। संजीव बताते हैं कि कोरोना में आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बस खुद पर भरोसा रखें, योग करें और सकारात्मक रहें।