संगरूर लोकसभा उपचुनाव: भगवंत मान का दुर्ग भेदना आसान नहीं, पढ़ें कौन सा दल किस पर खेल सकता है दांव
संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। यह सीट भगवंत मान के सीएम बनने के बाद सांसद पद छोड़ने के कारण खाली हुई है। मान के दुर्ग को भेदना कांग्रेस भाजपा और अकाली दल के लिए आसान नहीं होगा।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस दुर्ग को भेदना विपक्ष के लिए किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है। दो लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में संगरूर लोकसभा हलके में आप ने अपना परचम लहराया हुआ है।
वहीं, उपचुनाव को लेकर सबसे बड़ी परेशानी शिरोमणि अकाली दल को आ रही है, क्योंकि उनके पास यहां से चुनाव लड़ने के लिए कोई बड़ा चेहरा नहीं है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी धूरी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक व 2022 में भगवंत मान को टक्कर देने वाले दलवीर गोल्डी या उनकी पत्नी सिमरत कौर खंगूड़ा पर दांव खेलने की तैयारी में है। हालांकि पार्टी किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि महिला वोटरों को लुभाने के लिए कांग्रेस सिमरत कौर के नाम पर भी विचार कर रही है।
सिमरत कौर ने विधानसभा चुनाव में गोल्डी के साथ कंधे से कंधा जोड़कर प्रचार किया था। इसके कारण सिमरत कौर की अपनी भी एक छवि बनी। कांग्रेस के पास इस सीट से दूसरा कोई मजबूत उम्मीदवार भी नहीं है, क्योंकि 2009 में इस सीट से जीतने वाले विजय इंदर सिंगला उप चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं, जबकि 2019 में इस सीट से कांग्रेस के केवल ढिल्लों ने चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस ने ढिल्लों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। हालांकि कांग्रेस की परेशानी यह है कि उसे सीधे अब मुख्यमंत्री और उनकी टीम से टकराना होगा, क्योंकि इस सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर भगवंत मान की बहन मनप्रीत कौर के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा है।
हालांकि संगरूर के एसएसपी मनदीप सिद्धू के नाम की भी चर्चा है। मनदीप सिद्धू पिछले दिनों भगवंत मान के नाम के नारे लगाते हुए दिखाई दिए थे। ऐसा पहली बार देखने को मिला, जब कोई एसएसपी मुख्यमंत्री के नाम के नारे लगा रहा हो।
सबसे ज्यादा परेशानी में शिरोमणि अकाली दल को दिखाई दे रही है, क्योंकि दो दशक से ज्यादा समय से इस सीट पर शिअद की तरफ से ढींडसा परिवार चुनाव लड़ता रहा है। चूंकि अब ढींडसा परिवार ने अपनी पार्टी शिरोमणि अकाली दल संयुक्त बना ली है। ऐसे में अकाली दल के पास बड़े चेहरे की कमी दिखाई दे रही है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी पहली बार संगरूर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा की पहली पसंद अरविंद खन्ना हैं, जो कि संगरूर से भाजपा की टिकट पर लड़े थे। अरविंद खन्ना 2004 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े थे।
हालांकि वह शिअद के प्रत्याशी सुखदेव सिंह ढींडसा 27,277 वोटों से हार गए थे, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अरविंद खन्ना को मात्र 13,766 वोट पड़े थे। कांग्रेस छोड़कर राजनीतिक रूप से संन्यास लेने वाले अरविंद खन्ना ने 2022 में पुन: भाजपा से अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू की है। खन्ना इन दिनों भाजपा में खासे सक्रिय भी नजर आ रहे है।
एक नजर इन आंकड़ों पर भी
- संगरूर लोकसभा में आते 9 विधान सभा क्षेत्र 2022 विधानसभा चुनाव किस पार्टी को मिले कितने वोट
- संगरूर लोक सभा हलके (सभी नौ विधानसभा) में कुल वोट पड़ेः 12,10,080
- आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को मिलेः 5,43,032
- कांग्रेस को मिलेः 2,18,234
- शिरोमणि अकाली दल को मिलेः 1,30,988
- भाजपा गठबंधन को मिलेः 82,363
- विपक्ष को कुल कितने मिलेः 6.63,112