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कारगिल के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा को किया नमन

डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 07:44 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 07:44 PM (IST)
कारगिल के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा को किया नमन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 13 जेके राइफल की तरफ से आयोजित किया गया। इस बटालियन ने कारगिल युद्ध के समय जीत में अहम भूमिका निभाई थी। डीएवी कॉलेज से पासआउट परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा इसी बटालियन में भर्ती हुए थे और उन्होंने कारगिल में शहादत दी थी। बटालियन की तरफ से किए जाने वाले काम के बारे में एनसीसी कैडेट्स को अवगत कराया गया। मौके पर कॉलेज से पढ़कर सेना में भर्ती हुए शहीदों के परिवारों को भी बुलाया गया था। जिन्हें कॉलेज प्रशासन की तरफ से सम्मानित किया गया। शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वां भाई विशाल बत्रा के अलावा शहीद मेजर संदीप सागर के पिता हरबंस सागर, शहीद लेफ्टिनेंट राजीव संधू के पिता डीएस संधू और स्कवाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ के माता-पिता मौजूद रहे। इस मौके पर स्पेशल डॉक्यूमेंट्री भी पेश की गई जोकि कारगिल युद्ध पर बनाई गई थी। इसमें 13 जेके राइफल के शौर्य को दिखाया गया। कैप्टन विक्रम बत्रा डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 के स्टूडेंट्स रहे हैं। कॉलेज में पढ़ते हुए कैप्टन बत्रा ने एनसीसी एयरविग को ज्वाइन किया था। कार्यक्रम में एनसीसी के तीनों विग से कमांडर एमआर पांडेय, कर्नल रोहित ठाकुर और कैप्टन पीएस बिष्ठ मौजूद रहे। हर खतरों से लड़कर आगे बढ़ने का नाम है 13 जेके राइफल

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मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे मेजर जरनल आरएस मान ने बताया कि 13 जेके राइफल का दूसरा नाम ही खतरों से लड़कर आगे बढ़ना है। कारगिल युद्ध के समय हर फ्रंट पर लड़ाई हो रही थी। 13 जेके राइफल को आराम के लिए रोका गया लेकिन कैप्टन विक्रम बत्रा के नेतृत्व में पूरी बटालियन आगे बढ़ निकली। हालांकि उस समय सारे थके हुए थे। कुछ चोटिल भी थे। उन्हीं के कारण हमने 17 हजार फीट ऊंची पहाड़ियों पर फतेह हासिल की। 13 जेके राइफल जब से बनी है, वह हर समय देश की सुरक्षा के लिए सबसे आगे रही है। बटालियन के जवान बाइक रैली से पहुंचे डीएवी

कारगिल विजय दिवस पर 13 जेके राइफल बटालियन के बारे में बताने के लिए 10 सदस्यीय जवानों की टीम बाइक रैली पर निकली। यह रैली 6 जुलाई से केदारनाथ के नजदीक पड़ते माना पास से शुरू हुई है और 26 जुलाई को कारगिल में जाकर खत्म होगी। बाइक रैली में शामिल जवान ने बताया कि बटालियन से सेवानिवृत्त हो चुके सैनिकों और अधिकारियों द्वारा बुलाया जा रहा है। जहां पर कारगिल के बारे में एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जा रही है। जिसका उद्देश्य युद्ध के बारे में सभी को बताना है। सम्मान से पहले नम हुई आंखें

कार्यक्रम में पहुंचीं शहीद स्कवाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ की मां की आंखें उस समय नम हो गई जब जवानों के जीवन पर प्रकाश डाला गया। उल्लेखनीय है कि शहीद वशिष्ठ पुलवामा हमले के बाद फाइटर प्लेन क्रैश होने के कारण शहीद हो गए थे। शहीद वशिष्ठ डीएवी सेक्टर-10 के स्टूडेंट रहे हैं और सेक्टर-44 के स्थायी निवासी थे। शहीदों के कारण सुखी हैं हम

शहीद लेफ्टिनेंट राजीव संधू के पिता डीएस संधू ने कहा कि शहीदों ने अपने परिवारों की परवाह किए बिना शहादत दी है जिसके कारण हम सभी आराम से जी रहे हैं। सभी से मेरा अनुरोध है कि साल में कभी भी दो मिनट मौन रहकर उन्हें याद कर लिया करो। दो मिनट का मौन और याद ही शहीदों के लिए सबसे बड़ा अवॉर्ड है।


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