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पंजाब मेें कृषि बिलों के खिलाफ सड़़कों पर उतरेगा शिअद, NDA से नाता तोड़ने की जल्दबाजी नहीं

शिरोमणि अकाली दल कृषि विधेयकों के खिलाफ अब सड़कों पर उतरेगा। दूसरी ओर वह अभी एनडीए से नाता तोड़ने की जल्‍दबाजी नहीं करेगा और इस गठबंधन में बना रहेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 07:43 AM (IST)
पंजाब मेें कृषि बिलों के खिलाफ सड़़कों पर उतरेगा शिअद, NDA से नाता तोड़ने की जल्दबाजी नहीं

चंडीगढ़, जेएनएन। कृषि विधेयक को लेकर केंद्रीय कैबिनेट से नाता तोड़ने के बाद अब शिरोमणि अकाली दल सड़कों पर उतरने का विचार कर रहा है।  इस्तीफा देने के बाद हरसिमरत कौर बादल ने किसानों से माफी मांगी है। इस संबंध में शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में फैसला किया कि शिअद अभी एनडीए में बना रहेगा।

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कोर कमेटी ने हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को सही कदम बताया। वहीं,यह फैसला लिया गया कि वह अभी एनडीए से नाता तोड़ने की कोई जल्दबाजी नहीं करेगा। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि लोकसभा के मानसून सत्र के बाद पार्टी पुन: राजनीतिक हालातों पर चर्चा करेगी और अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के हित में गांव-गांव तक पार्टी पहुंच करेगी। वहीं, अकाली दल ने पूरी आक्रामकता के साथ कांग्रेस सरकार को जवाब देने का भी फैसला लिया है। कोर कमेटी ने कृषि विधेयकों के लोक सभा से पास होने के बाद बदले राजनीतिक हालतों पर चर्चा की।

ह‍रसिमरत कौर बादल ने किसानों से माफी मांगी

वहीं, हरसिमरत कौर बादल ने कृषि विधेयकों को लेकर किसानों से माफी भी मांगी है कि उनके मंत्रिमंडल में होने के बावजूद वह किसानों की आशंकाओं को दूर करने में असमर्थ रहीं। हालांकि उन्होंने कहा कि जब अध्‍यादेश जारी हुआ और विधेयक पास हुआ उन्होंने किसानों की हर शंका को केंद्रीय कृषि मंत्री से दूर करवाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पत्र लिख कर और संसद में भी यह कहा कि एमएसपी जारी रहेगी। इसके बावजूद किसानों की आशंकाएं बनी रहीं।

अपना पिंड छुड़ाने को किसानों को उकसा रहे कैप्टन : हरसिमरत

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों को उकसा रहे हैं कि वह दिल्ली में आकर धरना दें ताकि पंजाब से उनका पिंड छूट जाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना है, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का असली चेहरा सबके सामने आ गया है। जिस कानून का वह विरोध कर रहे है, उसी कानून को कैप्टन ने 2017 में विधानसभा में पास किया। उसी कानून को 2019 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया। जो कानून पंजाब में लागू है वह कानून केंद्र में कैसे गलत हो सकता है।


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