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हाई कोर्ट ने शिअद को रैली की इजाजत का फैसला बरकरार रखा, पर कुछ शर्तों के साथ...

शिअद की 16 सितंबर को फरीदकोट में प्रस्तावित पोल खोल रैली को हाई कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद सरकार ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर की, लेकिन हाई कोर्ट ने अपना आदेश बरकरार रखा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 07:49 AM (IST)
हाई कोर्ट ने शिअद को रैली की इजाजत का फैसला बरकरार रखा, पर कुछ शर्तों के साथ...
हाई कोर्ट ने शिअद को रैली की इजाजत का फैसला बरकरार रखा, पर कुछ शर्तों के साथ...

जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल की 16 सितंबर को फरीदकोट में होने वाली पोल खोल रैली को मंजूरी के मुद्दे पर शनिवार को सुबह से शाम तक हाईकोर्ट में गहमागहमी रही। शनिवार को सुबह जस्टिस राकेश कुमार जैन की पीठ ने शिरोमणि अकाली दल की याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए पंजाब सरकार को आदेश दिए कि शिरोमणि अकाली दल को शांतिपूर्ण रैली आयोजित करने दी जाए।

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इसके बाद सरकार ने देर शाम फिर पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। जस्टिस आरके जैन ने इस पर सुनवाई कर शिअद को नोटिस जारी किया। इस पर शिअद के प्रतिनिधि को अदालत में रात नौ बजे पेश होने का आदेश दिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने शिअद को रैली की इजाजत का फैसला बरकरार रखा। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा है कि रैली में जाने वाले लोग बाजाखाना से बरगाड़ी होकर कोटकपूरा जाने वाली  सड़क को प्रयोग न करें।

हाईकोर्ट ने इसके साथ ही कोटकपूरा से फरीदकोट को जाने वाली पुरानी सड़क को भी रैली में जाने वाले लोगों के लिए बंद किए जाने के आदेश दिए। रैली में जाने वाले लोगों के लिए बाजाखाना से जैतों होकर फरीदकोट को जाने वाली सड़क और कोटकपूरा से फरीदकोट को जाने वाले नया हाईवे उपलब्ध रहेगा।

गौरतलब है कि 14 सितंबर को फरीदकोट के एसडीएम ने शिअद को रैली के लिए सुरक्षा कारणों से इजाजत देने से इन्कार कर दिया था। इसके खिलाफ शिअद ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती थी। शिरोमणि अकाली दल की पैरवी करते हुए पूर्व एडवोकेट जनरल अशोक अग्रवाल ने कहा कि एसडीएम ने जिन तीन कारणों को बताते हुए रैली की इजाजत न देने से इन्कार किया है, वो जायज नहीं है।

अग्रवाल ने कहा कि पंजाब सरकार, विरोधी राजनीतिक दल के लोगों का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन रोक कर उनके मूलभूत अधिकारों का हनन कर रही है। फरीदकोट के एसडीएम ने कहा था कि बरगाड़ी में 1 सितंबर से सिख संगठन धरना दे रहे हैं। इसलिए टकराव हो सकता है। वहीं, बाबा शेख फरीद का आगमन पर्व मनाए जाने के चलते इस रैली की आड़ में असामाजिक तत्वों के फरीदकोट में प्रवेश करने की आशंका है। इन सभी कारणों को गलत बताते हुए अग्रवाल ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करना लोगों का मूलभूत अधिकार है और सरकार सिर्फ राजनीतिक कारणों से इस रैली को रोकना चाहती है।

एकल पीठ ने एसडीएम का आदेश पलटा

शिरोमणि अकाली दल की इस याचिका पर पंजाब सरकार को 17 सितंबर के लिए नोटिस जारी करते हुए जस्टिस राकेश कुमार जैन की पीठ ने अदालत में पंजाब सरकार के किसी एडवोकेट के मौजूद न होने के चलते याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत दी। उन्होंने फरीदकोट के एसडीएम की ओर से 14 सितंबर को जारी किए गए आदेशों की अनुपालना किए जाने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को रैली के आयोजन के लिए उपयुक्त सुरक्षा प्रबंध किए जाने के आदेश देते हुए कहा कि सरकार रैली स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाए।

शाम को पंजाब सरकार पहुंची हाईकोर्ट

शनिवार को सुबह लगभग 11 बजे एकल पीठ से शिरोमणि अकाली दल को रैली की इजाजत मिलने के तुरंत बाद पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा खुद हाईकोर्ट पहुंचे और उन्होंने जस्टिस जैन के चैंबर में जाकर उनसे मुलाकात की। इसके बाद पंजाब सरकार ने दोपहर को एकल पीठ के आदेशों के खिलाफ अपील दायर कर दी। पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने खंडपीठ को बताया कि एकल पीठ ने सरकार का पक्ष सुने बिना ही अपने आदेश जारी कर दिए।

नंदा ने कहा कि पंजाब सरकार को केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई सूचनाओं के आधार पर ही पंजाब सरकार ने शिरोमणि अकाली दल को रैली करने से इन्कार किया है। उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि लोगों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और अगर वे केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई सूचना एकल पीठ के सामने रख पाते तो अदालत के आदेश कुछ और होते।

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