पहले हटाए, अब दोबारा बनाए जाएंगे शहर में राउंडअबाउट
चंडीगढ़ की पहचान रहे राउंडअबाउट को पहले एक-एक कर हटाया जाता रहा। छोटे ही नहीं बड़े राउंडअबाउट भी हटा दिए गए। इन्हें हटाने के कई साल बाद अब प्रशासन को इनका महत्व समझ आया है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़
चंडीगढ़ की पहचान रहे राउंडअबाउट को पहले एक-एक कर हटाया जाता रहा। छोटे ही नहीं बड़े राउंडअबाउट भी हटा दिए गए। इन्हें हटाने के कई साल बाद अब प्रशासन को इनका महत्व समझ आया है। प्रशासन ने अब दोबारा से राउंडअबाउट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मध्य मार्ग पर तीन प्रमुख चौक ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट, कलाग्राम लाइट प्वाइंट और हाउसिग बोर्ड लाइट प्वाइंट कालका रोड पर राउंडअबाउट बनाए जाएंगे। इनकी ड्राइंग डिजाइन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए इंजीनियरिग डिपार्टमेंट ने टेंडर भी जारी कर दिया है। 66 लाख 17 हजार की अनुमानित राशि का टेंडर जारी किया गया है। दो महीने में यह काम पूरा करना होगा। टेबल टॉप बेस्ड होंगे नए बनने वाले राउंडअबाउट
अब जिन लाइट प्वाइंट पर राउंडअबाउट बनेंगे यह पहले से बने राउंडअबाउट से अलग होंगे। इन्हें टेबल टॉप कहा जाता है। यह पहले से बने राउंडअबाउट की तरह ऊंचे नहीं होंगे। चारों तरफ रोड से कुछ ऊंचाई पर होंगे। लेकिन पहले जितने ऊंचे नहीं होंगे। पंचकूला ने भी इसी तर्ज पर राउंडअबाउट की हाइट कम की है। साइकिलिस्ट और पेडेस्ट्रेयन के गुजरने के लिए सुरक्षित रास्ता होगा। हल्लोमाजरा के राउंडअबाउट को भी चारों तरफ से खुदाई कर नीचे किया गया है। सेक्टर-26 राउंडअबाउट के लिए भी पहले डिजाइन तैयार किया गया था यह टेबल टॉप काफी हद तक ऐसा होगा। इसलिए लिया दोबारा बनाने का फैसला
राउंडअबाउट होने से वाहन स्पीड से भी आता है तो सीधे दूसरी ओर से आ रहे वाहन से टकराने की संभावना कम रहती है। खासकर पैदल और साइकिल सवार को निकलना आसान होता है। लेकिन इन्हें हटाकर ट्रैफिक सिग्नल लगाने से अब वाहन तेजी से आते हैं वह कई बार सामने गुजर रहे वाहन से इस तरह से टकराते हैं कि बड़ा हादसा हो जाता है। इससे कई मौत हो चुकी हैं। खासकर पैदल और साइकिल सवार की जान को खतरा अधिक होता है। इन बेलगाम वाहनों की स्पीड कम करने के लिए ही राउंडअबाउट दोबारा बनाने की जरूरत समझी गई। अभी तक यहां हटाए गए राउंडअबाउट
प्रशासन ने ट्रैफिक दबाव के नाम पर पहले सेक्टर 18-17, 8-9 और सेक्टर 26-28 ट्रांसपोर्ट राउंड अबाउट को तोड़कर ट्रैफिक लाइट लगवा चुका है। हाउसिंग बोर्ड राउंडअबाउट को सबसे पहले तोड़ा गया था। वी-4 रोड से एक सेक्टर को दूसरे से जोड़ने वाले सेक्टर-44-43, 34-35, 52-44 जैसे राउंडअबाउट को भी हटाया जा चुका है। ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग में हरियाणा ट्रिब्यून राउंड अबाउट को हटाने का सुझाव भी दे चुका है। राउंड अबाउट को हटाना ट्रैफिक समस्या का समाधान नहीं है। जो राउंडअबाउट हटाए गए हैं वह हटाने के बाद उन चौराहों पर हादसे बढ़े हैं। राउंडअबाउट से ट्रैफिक फ्री फ्लो होता है। ली कार्बूजिए का सिद्धांत भी इन्हें बनाने के पीछे यही था।
- सुमित कौर, पूर्व चीफ आर्किटेक्ट, चंडीगढ़। पुलिस दे चुकी है राउंडअबाउट बनाने का सुझाव
ट्रैफिक पुलिस ने स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल को भेजे एजेंडा में सभी क्रैश प्रोन लोकेशन पर राउंडअबाउट फिर से बनाने का सुझाव दिया था। पुलिस ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए राउंडअबाउट को जरूरी बताया था। इससे पहले भी ट्रैफिक पुलिस राउंडअबाउट हटाए जाने के पक्ष में नहीं रही है। 2017 में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने भी स्वयं संज्ञान लेते हुए राउंडअबाउट की ऊंचाई कम करने के आदेश दिए थे। शहर में मौजूद ऊंचे राउंड अबाउट पर चिता जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि इन्हें सुंदर बनाने के लिए ऊंचा बना दिया जाता है, जिससे दूसरी ओर से आने वाला ट्रैफिक नजर नहीं आता। ऐसे में हादसों की संभावना बनी रहती है। कोर्ट ने साफ किया कि शहर को सुंदर बनाना जरूरी है, लेकिन सुरक्षा की कीमत पर नहीं।