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PGI में आठ महीने से बंद पड़ी है रोबोटिक सर्जरी, कैंसर के मरीज हो रहे परेशान

पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी बंद होने के कारण कैंसर मरीजों को इलाज में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर भारत में पीजीआई एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां रोबोटिक सर्जरी बंद पड़ी है। पीजीआई का ज्यादातर स्टाफ कोविड ड्यूटी में लगाया गया है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 01:13 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 01:13 PM (IST)
PGI में रोबोटिक सर्जरी बंद होने से कैंसर मरीजों की जान पर जोखिम बन सकता है।

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। कोरोना के चलते पीजीआइ में रोबोटिक सर्जरी आठ महीने से बंद पड़ी है। रोबाेटिक सर्जरी बंद पड़े होने के कारण कैंसर के मरीजों को अपने इलाज में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रोबोटिक सर्जरी बंद होने का खासा असर प्रोस्टेट, ब्लैडर, किडनी और ईएनटी के कैंसर मरीजों पर देखने को मिल रहा है।

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उत्तर भारत में पीजीआइ चंडीगढ़ मात्र ऐसा चिकित्सा संस्थान हैं, जहां कोरोना के चलते रोबोटिक सर्जरी फिलहाल बंद पड़ी है। जबकि दिल्ली के एम्स व अन्य चिकित्सा संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। लेकिन पीजीआइ चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन का मानना है कि अगर रोबोटिक सर्जरी शुरू की जाती है, तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में कैंसर के मरीजों की जान पर जोखिम बन सकता है।

पीजीआइ में रोबोटिक सर्जरी मात्र 50 हजार से एक लाख तक

कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए पीजीआइ में रोबोटिक सर्जरी किसी वरदान से कम नहीं है। ऐसे में कैंसर ग्रस्त मरीज पीजीआइ में रोबोटिक सर्जरी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। पीजीआइ में कैंसर मरीजों को रोबोटिक सर्जरी के लिए मात्र 50 हजार से एक लाख रुपये देने पड़ते हैं। ऐसे में अब कैंसर के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में कैंसर ग्रस्त मरीजों को रोबोटिक सर्जरी के लिए 8 से 10 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

पीजीआइ में हर महीनें होती थी 40 से 50 रोबोटिक सर्जरी

पीजीआइ में हर महीने कैंसर की 40 से 50 रोबोटिक सर्जरी की जाती थी। लेकिन कोरोना के चलते पीजीआइ में रोबोटिक सर्जरी मार्च से बंद पड़ी है। हालांकि जुलाई में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस काे देखते हुए पीजीआइ चंडीगढ़ के अलावा अन्य चिकित्सा संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी शुरू हो चुकी है। लेकन पीजीआइ में मार्च से अब तक रोबोटिक सर्जरी बंद हैं, क्योंकि ज्यादातर पीजीआइ का स्टाफ कोविड ड्यूटी में लगाया गया है। अगर जुलाई से पीजीआइ में रोबोटिक सर्जरी शुरू हो गई होती तो, अब तक कैंसर के 200 के करीब मरीजों की सर्जरी हो सकती थी।

पीजीआइ में अभी सिर्फ इमरजेंसी सर्जरी की जा रही है। सभी प्रकार की रोबोटिक सर्जरी बंद पड़ी हैं। पीजीआइ में दिसंबर से रोबोटिक सर्जरी शुरू हो सकती है। अगर शहर में कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है और नए पॉजिटिव केस नियंत्रण में रहते हैं, तो पीजीआइ की ओर से सभी सर्जरी शुरू की जाएंगी। दीवाली पर अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, नवंबर के अंत तक अगर शहर में कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है। दिसंबर तक कैंसर के मरीजों के अलावा बाकी अन्य मरीजों के लिए भी रोबोटिक सर्जरी शुरू कर दी जाएंगी। फिलहाल पीजीआइ में हर क्रिटिकल व इमरजेंसी सर्जरी को देखा जा रहा है। प्रो. जगतराम, निदेशक, पीजीआइ, चंडीगढ़


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