सड़क सुरक्षा सप्ताह: साइकिल ट्रैक से हर साल बचने लगीं कई जानें, रोड एंबेडेड ट्रैफिक सिग्नल और होंगे इंस्टॉल
Chandigarh Road Safety Week यूटी प्रशासन ब्लाइंड प्वाइंट को खत्म करने से लेकर साइकिल ट्रैक बनाने पर जोर दे रहा है। दो साल में 20 करोड़ रुपये से 100 किलोमीटर साइकिल ट्रैक बनाए जा चुके हैं। स्मार्ट सिटी के तहत यह कार्य हो रहा है।
चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। सड़क पर एक-एक जिंदगी को सुरक्षित बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमकर प्रयास हो रहे हैं। सबसे ज्यादा मौत पैदल और साइकिल सवारों की होती हैं। जबकि रोड पर सबसे पहला अधिकार इन्हीं का होता है। इनकी जिंदगी सुरक्षित बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने से लेकर मैनेजमेंट में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यूटी प्रशासन ब्लाइंड प्वाइंट को खत्म करने से लेकर साइकिल ट्रैक बनाने पर जोर दे रहा है। दो साल में 20 करोड़ रुपये से 100 किलोमीटर साइकिल ट्रैक बनाए जा चुके हैं। स्मार्ट सिटी के तहत यह कार्य हो रहा है। साइकिल का सफर सबसे सुहाना और सुरक्षित हो इसके लिए 500 डॉकिंग स्टेशन बनाकर उन पर रेंट के लिए दस हजार साइकिल रखे जाएंगे। रात में भी सफर सुहाना हो इसके लिए ट्रैक पर छोटे साइज की स्ट्रीट लाइट लगाने का काम चल रहा है।
स्लिप रोड एंट्री और रोड किए चौड़े
जिन जगहों पर ट्रैफिक सबसे अधिक रहता है। वहां पैसेज खोले जा रहे हैं। मुख्य मार्ग पर कनेक्ट होने वाले रोड को चौड़ा किया जा रहा है। सेक्टर-17-8 की लाइट प्वाइंट पर ऐसा किया गया है। अब लेफ्ट साइड जाने के लिए बेवजह ट्रैफिक जाम में वाहन नहीं फंसते। इसके अलावा राउंड अबाउट पर वाहन अधिक होने से जाम न लगे इसलिए सभी पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। अब ऑटो सेंसिंग ट्रैफिक सिग्नल लगाने पर भी काम हो रहा है। जिससे ट्रैफिक को सेंस कर वाहन निकलें। जिस साइड ट्रैफिक न हो सेंसर दूसरी साइड का सिग्नल ग्रीन कर चला देगा।
रोड एंबेडेड ट्रैफिक सिग्नल का पायलट प्रोजेक्ट
सुखना लेक पर शहर का सबसे पहला रोड एंबेडेड ट्रैफिक सिग्नल पायल प्रोजेक्ट के तौर पर इंस्टाल किया गया था। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। अब शहर में दूसरे व्यस्त पेडेस्ट्रेयन क्रॉसिंग पर भी इसे इंस्टॉल करने की तैयारी हैं। इसमें रोड पर लगे सिग्नल ग्रीन और रेड होते हैं। जिससे पेडेस्ट्रेयन को रोड क्रॉस करने और ट्रैफिक को निकलने में सुविधा होती है। इससे हादसे की संभावना बेहद कम होती है।
साइकिल ट्रैक पर मोटराइज्ड व्हीकल तो गिरफ्तारी
साइकिल ट्रैक ही नहीं इनके इस्तेमाल पर भी जोर है। ट्रैफिक पुलिस हर राउंडअबाउट पर तैनात होकर साइकिल राइडर को मेन रोड से ट्रैक पर भेजती है। वहीं अगर कोई मोटर्राइज्ड व्हीकल कार बाइक साइकिल ट्रैक पर चलता है तो वाहन जब्त कर उसे गिरफ्तार करने का प्रावधान है। आईपीसी धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाती है।
17 से कम होकर 10 साइकिल सवार की एक्सीडेंट में मौत
साल सड़क हादसे में मौत साइकिलिस्ट मौत
2015 129 17(13.17)
2016 151 28(18.54)
2017 107 13(12.14)
2018 98 11(11.22)
2019 104 10(9.61)
शहरवासी समझने लगे हैं जैबरा क्रॉसिंग का महत्व
एसएसपी ट्रैफिक मनोज कुमार मीणा ने कहा कि रोड पर हादसा न हो उनमें एक-एक जिंदगी को बचाने के लिए जो भी बेस्ट प्रेक्टिस है उसे इस्तेमाल किया जा रहा है। सुबह और शाम को पीक ऑवर्स में सभी व्यस्त चौक राउंड अबाउट पर मेनुअली ट्रैफिक को निकाला जाता है। जहां ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत है उसको इंस्टॉल करने की सिफारिश इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से की जाती है। स्पीड से सबसे अधिक हादसे होते हैं। इसे रोकने के लिए स्पीड रडार से मॉनीटरिंग हो रही है। जैबरा क्रॉसिंग का महत्व अब शहरवासी समझने लगे हैं। साइकिल ट्रैक बन गए हैं लेकिन इन पर साइकिलिस्ट को चलाने के लिए पुलिस उन्हें जागरूक करती है और ट्रैक पर चलने के लिए प्रेरित करती है।