वीसी की रिटायरमेंट पर हर कोई हुआ भावुक
इमारत के हर फ्लोर पर गए पीयू के वीसी, हर किसी के साथ बेहद खुशी के साथ मिले, फीस ब्रांच की कर्मचारी हुई भावुक।
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. अरुण ग्रोवर 22 जुलाई 2018 को रिटायर हो रहे हैं। 20 जुलाई 2018 आखिरी वर्किग डे था। ये दिन पीयू के इतिहास में यादगार बन गया जब वीसी विदाई से पहले हर कर्मचारी से उनकी सीट पर जाकर तहे दिल से मिलते दिखे। दोनों हाथ जोड़ और ऊंचे कर पीयू के कर्मचारियों का धन्यवाद करते दिखे। मानों जाने से पहले कह रहे हो कि अच्छा चलता हूं, दुआ में याद रखना..उनका यह अंदाज सबको भाया। वह कर्मचारियों से गर्मजोशी से मिले। आगे आगे परिवार के मुखिया की तरह प्रो. ग्रोवर तो पीछे-पीछे परिवार के सदस्यों की तरह अधिकारी व स्टाफ अनुसरण करते हुए चल रहा थे। कई बार माहौल भावुक भी होता दिखा। कई महिला कर्मचारियों से वो गर्मजोशी से मिलते दिखे। वीसी बस चलते जा रहे थे और चेहरे पर बस एक बच्चे की मानिंद मासूमियत भरी मुस्कान। वीसी के बारे में कंट्रोलर प्रो परविंदर सिंह, एफडीओ विक्रम नैय्यर, गैर शिक्षण संघ के हैड दीपक कौशिक और डीपीआर रेणुका सलवान ने अपने अनुभव साझे किए।
एमएचआरडी ने शर्मिदा किया तो वीसी ने साथ दिया
रजिस्ट्रार रिटायर्ड कर्नल जीएस चढ्डा ने कहा कि जब पैसे की दिक्कत चल रही थी तो दिल्ली के चक्कर निरंतर काटने पड़ते थे। एमएचआरडी के अधिकारी ताना मारते हुए महसूस करवाते थे कि आ गए पैसा मांगने। इस तरह की स्थिति में वीसी ने हमेशा हौसला दिया। चंट्टान की तरह खड़े रहे।
रोको मत मुझे, आज सबसे मिलूंगा
सीनेट हॉल में विदाई कार्यक्रम था तो कर्मचारियों से मिलने की इच्छा जताई। अधिकारी बोले कि कर्मचारियों को यहीं बुला लेते तो बोले नहीं, आज मैं खुद ही उनसे मिलने जाऊंगा। दिल कर रहा तो उनसे वहीं जाकर मिलूंगा। यह सुनकर अधिकारी भी कुछ नहीं पाए। पीयू के प्रशासनिक सुधारों की बहस में बने रहेंगे प्रो. ग्रोवर
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद से सेवानिवृत्ति से सिर्फ दो दिन पहले प्रोफेसर अरुण ग्रोवर ने यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक सुधारों के मुद्दे पर अपनी मौजूदगी को सुनिश्चित कर लिया है। अपने अंतिम कार्यदिवस पर हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में प्रो. ग्रोवर ने प्रशासनिक सुधारों पर केन्द्र सरकार, पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करवा दिए। प्रशासनिक और वित्तीय सुधारों के मुद्दे पर हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू किए गए मामले में दायर अर्जी पर प्रो. ग्रोवर ने कहा कि यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक सुधारों की प्रक्रिया पर केन्द्र सरकार और अन्य प्रतिवादियों के जवाब नहीं मिले। इस पर चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को 19 सितंबर तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी कर दिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रोफेसर ग्रोवर को भी अगली तारीख पर अदालत को प्रशासनिक सुधारों के मामले पर संबोधित करने की स्वीकृति दी है। सुनवाई के दौरान प्रोफेसर ग्रोवर ने अदालत को बताया कि 2016 में तत्कालीन चीफ जस्टिस ने यूनिवर्सिटी के वित्तीय और प्रशासनिक सुधारों को गंभीरता से लिया था जिसके चलते यूनिवर्सिटी की वितीय दिक्कतें तो कम हुई है। अब प्रशासनिक सुधारों को लेकर सिंडिकेट और सीनेट के बहुत से सदस्य चर्चा नहीं करना चाहते, जिस कारण कोई हल नहीं निकल पा रहा।