फर्जी एनकाउंटर केस में रिटायर्ड एसएचओ को उम्रकैद, डीएसपी व एसआइ को दो-दो साल की कैद
वर्ष 1992 में रोपड़ में हुए गुरमेल सिंह व कुलदीप सिंह के फर्जी एनकाउंटर केस में रिटायर्ड एसएचओ हरजिंदर पाल सिंह को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
जासं, मोहाली : वर्ष 1992 में रोपड़ में हुए गुरमेल सिंह व कुलदीप सिंह के फर्जी एनकाउंटर केस में रिटायर्ड एसएचओ हरजिंदर पाल सिंह को सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने उस पर पांच लाख जुर्माना भी लगाया है। दो-दो लाख मृतकों की पत्नियों को दिया जाएगा। मामले में एनकाउंटर के बाद शवों को लावारिस बताकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इस मामले में डीएसपी अवतार सिंह व सब इंस्पेक्टर बचन दास को भी दो-दो साल की सजा सुनाई गई है, लेकिन उन्हें अदालत ने एक साल के प्रोबेशन पर रिहा कर दिया गया है। वहीं, साक्ष्य के अभाव में इसी मामले में नामजद डीएसपी (डी) जसपाल, कांस्टेबल हरदी राम, कांस्टेबल करनैल सिंह को अदालत ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने डीएसपी अवतार सिंह व सब इंस्पेक्टर बचन दास पर भी 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरोप था कि एसएचओ हरजिंदर पाल सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों ने 12 दिसंबर 1992 को गुरमेल सिंह की 8 महीने की गर्भवती पत्नी सुखfवदर कौर, उसकी मां व दो नाबालिग बच्चों को हिरासत में लिया था। पुलिस गुरमेल सिंह पर थाने में पेश होने के लिए दवाब बना रही थी हालांकि उसके खिलाफ कोई मामला भी दर्ज नहीं किया गया था। फिर भी तीन दिन सभी को हिरासत में रखा गया। बाद में गांव की पंचायत के हस्तक्षेप पर 15 दिसंबर 1992 को उन्हें रिहा कर दिया गया। उसके कुछ समय बाद पुलिस ने गुरमेल के पिता व बहनोई को उठा लिया और कुछ दिन हिरासत में रखा। जैसे ही गुरमेल सिंह को उसके परिवार वालों ने पुलिस के समक्ष पेश किया 26 दिसंबर 1992 यानि 11 दिन बाद उसके पिता व बहनोई को छोड़ दिया गया।
अवैध हथियार रखने के आरोप में किया था गिरफ्तार
पुलिस ने गुरमेल को नाजायज हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय एफआइआर रोपड़ सदर थाने में दर्ज की गई। उसके बाद पुलिस ने कुलदीप सिंह को उसके घर से गिरफ्तार कर उसे भी इस मामले में नामजद कर लिया। बाद में पुलिस ने रोपड़ के पास नहर किनारे दोनों का एनकाउंटर कर दिया और दूसरी एफआइआर दर्ज की, जिसमें बताया कि दोनों आरोपितों को हथियार रिकवर करने के लिए ले जाया गया था जहां अज्ञात लोगों ने उन्हें गोरी मार दी।