चंडीगढ़ शिक्षा विभाग से रिटायर अधिकारियों मौज, कांट्रैक्ट पर फिर उसी पोस्ट पर किया ज्वाइन, ले रहे मोटी सैलरी
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में रिटायर्ड अधिकारियों की मौज हो रही है। क्योंकि ये सेवानिवृत अधिकारी विभाग में कांट्रैक्ट पर दोबारा उसी पद पर ज्वाइन कर पेंशन के साथ फुल सैलरी भी ले रहे हैं। ऐसे कई अधिकारी हैं जो कांट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में रिटायर्ड अधिकारियों की मौज हो रही है। विभाग के अधिकारियों को उनके काम को लेकर कोई पूछने वाला नहीं है। विभाग में इस समय ऐसे कई अधिकारी हैं जो कि डायरेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आफिसर की कुर्सी पर बैठे हैं, लेकिन उनका काम क्या है यह उन्हें खुद मालूम नहीं है। वहीं विभाग कुछ चुनिंदा कर्मचारियों पर ऐसा मेहरबान है कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद कांट्रैक्ट पर ज्वाइन करवाकर रेगुलर कर्मचारी के बराबर सैलरी दे रहा है और इन सेवानिवृत अधिकारियों को पेंशन भी मिल रही है।
डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन के कार्यालय (पीए) के तौर पर तीन कर्मचारी हैं, जिन्हें सेवानिवृत शिव कुमार लीड कर रहे हैं, जबकि सागर और सौरव स्टेनो और क्लर्क है। शिव कुमार की ज्वाइनिंग इस्टैब्लिशमेंट ब्रांच की है लेकिन रियाटरमेंट से पहले और बाद में भी डायरेक्टर के निजी सहायक पर कार्यरत हैं। शिव कुमार कांट्रैक्ट पर ज्वाइन करने के बाद 60 हजार रुपये का वेतन ले रहे हैं। इसी प्रकार से समग्र शिक्षा अभियान के तहत सेवाएं देने वाले शिक्षकों से लेकर कर्मचारियों की नियुक्ति कांट्रैक्ट के आधार पर होती है। कांट्रैक्ट कब, कैसे और कितने लोगों के लिए तैयार करना है यह कार्य वर्ष 2010 से रामफल यादव कर रहे हैं। वर्ष 2018 में रिटायरमेंट के बाद रामफल यादव कांट्रैक्ट पर सेवाएं दे रहे हैं और 65 हजार से ज्यादा वेतन भी ले रहे हैं।
तीन साल से कार्यरत मिशन कोआर्डिनेटर
समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिशन कोआर्डिनेटर की नियुक्ति दो वर्ष के लिए होती है, लेकिन चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज फार कामर्स सेक्टर-50 से रिटायर प्रिंसिपल डा. मंजीत कौर बराड़ तीन वर्ष से सेवाएं दे रही हैं। इनको विभाग 80 हजार रुपये वेतन दे रहा है।
ये है रिटायर होने के बाद कांट्रैक्ट कर्मचारियों के वेतन का प्रावधान
एक अप्रैल से चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू हो चुके हैं। इसके तहत सेवानिवृत होने के बाद किसी भी कर्मचारी को दोबारा काम पर नहीं रखा जा सकता। इससे पहले शिक्षा विभाग में पंजाब सर्विस रूल्स लागू थे जिसमें रिटायरमेंट के बाद कांट्रैक्ट पर दोबारा ज्वाइन करने वाले कर्मचारी को पेंशन का 15 फीसद राशि वेतन के तौर पर देने का प्रावधान है।
ज्वाइंट डायरेक्ट, डीडीएसई-3, डिप्टी डीईओ 2 और 3 के काम का किसी को पता नहीं
शिक्षा विभाग का सहयोगी यूनिट सेक्टर-32 स्थित स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) है। एससीईआरटी का कार्य शिक्षकों और शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए वर्कशाप आयोजित करने से लेकर विभिन्न प्रोग्राम करना होता है। वर्ष 2019 में एससीईआरटी और शिक्षा विभाग के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर की पोस्ट क्रिएट की गई, जिस पर कोई नया अधिकारी नियुक्त करने के बजाए एससीईआरटी डायरेक्टर डा. सुरेंद्र दहिया को ही नियुक्त कर दिया गया।
इसी तरह डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन का सहयोग करने के लिए डिप्टी डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन की पोस्ट क्रिएट की गई। डिप्टी डायरेक्टर की पोस्ट क्रिएट होने के बाद डिप्टी डायरेक्टर-1 की पोस्ट बनाई और वर्ष 2020 में डिप्टी डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन-3 के पद पर अडल्ट एजुकेशन डायरेक्टर नीना कालिया की नियुक्ति की गई।
डायरेक्टर के अलावा डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन आफिसर के सहयोग के लिए डिप्टी डीईओ-1 और अब 2 व 3 की भी स्थापना हो चुकी है। डिप्टी डीईओ 2 पूनम सूद और डिप्टी डीईओ-3 राजन जैन का काम क्या है इसकी भी किसी अधिकारी या कर्मचारी को जानकारी नहीं है।
वोकेशनल एक्सपर्ट की पोस्ट के बारे में अधिकारियों को पता नहीं
वर्ष 2005 में तत्कालीन मिशन कोआर्डिनेटर प्रीतपाल कौर ने होम साइंस और कामर्स विषय के सब्जेक्ट एक्सपर्ट के तौर पर एससीईआरटी-32 में कार्यरत सुनील बेदी और अनिता शर्मा को नियुक्त किया। वर्ष 2020 में दोनों अधिकारियों को प्रमोशन देकर डिप्टी डायरेक्टर-1 और 2 बनाया लेकिन सब्जेक्ट एक्सपर्ट की पद खाली हो गई और इस पद पर किसी को तैनात नहीं किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अधिकारी पांच लेकिन काम देख रहे शिक्षक
जिला शिक्षा अधिकारी सेक्टर-19 के कार्यालय में एकेडमिक और स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए डीईओ प्रभजोत कौर, डिप्टी डीईओ 1 बिंदू अरोड़ा, डिप्टी डीईओ-2 पूनम सूद, डिप्टी डीईओ -3 राजन जैन और एसोसिएट स्पोर्ट्स आफिसर है, लेकिन स्कूल से जुड़ी गतिविधियों को सेक्टर-18 स्थित गवर्नमेंट स्कूल की शिक्षिका अमृत भूल्लर और सेक्टर-16 स्थित स्कूल के संजय कुमार देख रहे हैं। इसी प्रकार से खेल गतिविधियों को स्पोर्ट्स आफिसर के बजाए फिजिकल एजुकेशन इंस्ट्रक्टर राजपाल सिंह पूरा कर रहे हैं।
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"मामले की जांच होगी, अगर बिना काम के आफिसर्स को नियुक्त किया गया है तो उनको हटाया जाएगा। अगर अधिकारी के लिए पद के अनुसार काम होगा तो उनसे वर्क रिपोर्ट ली जाएगी।
-पूर्वा गर्ग, शिक्षा सचिव