राहुल गांधी का कड़ा रुख, पंजाब के मंत्रियों पर लटकी तलवार, बनेगा रिपोर्ट कार्ड
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कड़ा रुख पंजाब के कई मंत्रियों को भारी पड़ सकता है। राहुल ने पंजाब के सभी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मांगा है।
चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब सरकार अब अपने मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने की तैयारी कर रही है। यह फैसला बीते दिनों नई दिल्ली में कांग्रेस के प्रधान राहुल गांधी व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बैठक के बाद लिया गया। राणा गुरजीत सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे को स्वीकार करने के फैसले के बाद राहुल गांधी ने सभी मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद सरकार ने भरोसे के अफसरों से मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड तैयार करने की रणनीति बनाई है।
राहुल से बैठक के बाद हुआ फैसला, कांग्रेस प्रधान ने मांगी मंत्रियों की परफॉमेंस रिपोर्ट
कांग्रेस को सत्ता में आए हुए 10 माह से ज्यादा का समय हो गया है। इस दौरान कैबिनेट की पहली बैठक में ताबड़तोड़ 100 से ज्यादा फैसले करके सरकार ने यह संदेश दे दिया था कि इस बार चुनावी वादों को पूरा करने के साथ-साथ सरकार हर मोर्चे पर सफल होने की रणनीति बनाकर काम करने के मूड में है। सरकार गठन के कुछ माह बाद ही मंत्रिमंडल में विस्तार की उम्मीदें कई कांग्रेस विधायकों ने लगा ली थी।
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अलबत्ता, इस बार आखिरी चुनाव की घोषणा करके चुनावी मैदान में उतर कर सत्ता में आने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के रिटायर होने के बाद उनका उत्तराधिकारी बनने की हाेड़ शुरू हो चुकी थी। सूबे में कांग्रेस पर नए सिरे से कब्जे की कवायद में कई कांग्रेस मंत्री व विधायकों में शीत युद्ध भी शुरू हो चुका था। लेकिन, समय रहते कैप्टन ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा को वापस लेकर इस शीत युद्ध पर विराम लगाया और मंत्रिमंडल विस्तार के सपने दिखाकर इच्छुक कांग्रेसियों के चेहरों पर मुस्कान लौटाने में सफलता हासिल की थी।
अच्छा काम करने वाले मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी, एक मंत्री पर लटकी तलवार, चार के महकमे बदलने की तैयारी
इसी बीच विपक्ष के हमलों से परेशान हुए बिना आर्थिक संटक से उबरने की कवायद में लगी सरकार को राणा व मुख्यमंत्री के खास अफसर सुरेश कुमार को हटाने के मामले में लगे झटके बाद अब राहुल गांधी ने मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मांगकर सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है।
विपक्ष पहले ही जारी कर चुका है रिपोर्ट कार्ड
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हर महीने कांग्रेस सरकार के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करके मीडिया को जारी किया जा रहा है। भाजपा ने सरकार के एक माह के कार्यकाल के बाद से ही मंत्रियों का रिपोर्ड कार्ड तैयार करने शुरू कर दिए थे। भाजपा की तरफ से अभी तक केवल स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पास किया गया है। हालांकि, पांचवें महीने में सिद्धू को लगातार दो महीने तक पास करने के बाद भाजपा ने उन्हें भी फेल करार देना शुरू कर दिया था।
भाजपा की तरफ से सरकार के मंत्रियों के खिलाफ उठाए जाने वाले मुद्दे कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से किए गए वायदों में से चुने जा रहे हैं। किस-किस विभाग से संबंधित वायदे चुनाव से पहले कांग्रेस ने किए थे और सत्ता में आने के बाद कौन-कौन से विभागों के मंत्रियों ने कौन-कौन से वादों को पूरा किया है। भाजपा के निशाने पर हमेशा ही कांग्रेस के लगभग मंत्री रहे हैं।
खराब वित्तीय हालत से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
सूबे के खराब वित्तीय हालात के चलते मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार सहित लगभग विभागों के खजाने खाली हैं और सत्ता में आने के बाद मंत्रियों के पास भी अपने विभागों से संंबधित प्रोजेक्टों को चालू करने से लेकर नए प्रोजेक्टों के लिए धनराशि का आभाव अभी तक खत्म नहीं हुआ है। इस मामले में सबसे बुरी हालत वित्ती मंत्री के अपने विभाग की है।
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जीएसटी के भरोसे सूबे की नैया पार लगाने काक सपना देखने व विधायकों को दिखाने वाले वित्त मंत्री मनप्रीत बादल खुद आर्थिक संकट को लेकर परेशान हैं। यही वजह है कि बीते दिनों सभी राज्यों के वित्ती मंत्रियों की केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ दिल्ली में हुई बैठक में मनप्रीत बादल ने केंद्र सरकार से तमाम योजनाओं को लेकर फंड जारी करने व जीएसटी में संबंधित सुधार का मुद्दा उठाया था।