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अब गर्मियों में नहीं लगेंगे ज्यादा कट, चंडीगढ़ को मिलेगी अतिरिक्त 140 मेगावाट बिजली

कोटा बढ़ने से पीक ऑवर्स में चंडीगढ़ को 140 मेगावाट तक बिजली अधिक मिल सकेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 12:30 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 12:30 PM (IST)
अब गर्मियों में नहीं लगेंगे ज्यादा कट, चंडीगढ़ को मिलेगी अतिरिक्त 140 मेगावाट बिजली

बलवान करिवाल, चंडीगढ़

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शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है। अब गर्मियों में बिजली कटों से काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ पावर ने चंडीगढ़ का अनएलोकेटेड कोटा 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। कोटा बढ़ने से पीक ऑवर्स में चंडीगढ़ को 140 मेगावाट तक बिजली अधिक मिल सकेगी। पीक ऑवर्स डिमांड और उपलब्ध बिजली के गैप को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। पहले बिजली का कोटा कम होने के कारण पीक ऑवर्स में मांग को पूरा कर पाना काफी मुश्किल हो जाता था। एक प्रतिशत अनएलोकेटेड कोटा में 10 मेगावाट बिजली मिलती है। 14 मेगावाट होने पर 140 मेगावाट बिजली चंडीगढ़ को मिलेगी। पिछले साल मई में रिकॉर्ड पीक ऑवर्स डिमांड 410 मेगावाट तक पहुंच गई थी। जो अभी तक सबसे अधिक है। इस साल जून में डिमांड 489 मेगावाट तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। जिस कारण पीक ऑवर्स में 150 मेगावाट से अधिक अंतर रहने वाला है। जो कोटा बढ़ने से काफी हद तक कवर कर लिया जाएगा। इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च में उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ पावर को अनएलोकेटेड कोटा बढ़ाने की जो मांग भेजी थी। वह पूरी हो गई है। कोटे को बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पीक डिमांड में काफी सहायता मिलेगी। सबसे ज्यादा मांग मई-सितंबर तक

चंडीगढ़ में 2.70 लाख कंज्यूमर्स हैं। जो साल भर में 1600 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली खर्च करते हैं। इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट को इस साल पीक ऑवर्स में डिमांड के दौरान 130 मेगावाट की बिजली शोर्टेज रहने वाली है। अप्रैल में पीक डिमांड 338 मेगावाट थी, जबकि बिजली की उपलब्धता 226 मेगावाट थी। इसी तरह से मई में डिपार्टमेंट के पास पीक डिमांड में 283 मेगावाट बिजली उपलब्ध है। जबकि पीक डिमांड 461 मेगावाट तक रहने की संभावना है। 300 मेगावाट तक यह अभी पहुंच चुकी है। ऐसे में 178 मेगावाट की शोर्टेज रहेगी। इसी तरह से जून में पीक डिमांड में 366 मेगावाट बिजली रहेगी। जबकि संभावित जरूरत 489 मेगावाट की रहेगी। वहीं, जुलाई में संभावित जरूरत 466 मेगावाट रहेगी, जबकि उपलब्ध 338 मेगावाट रहेगी। सितंबर में भी बिजली का 143 मेगावाट का बड़ा गैप रहेगा। सितंबर में पीक डिमांड में 294 मेगावाट बिजली उपलब्ध रहेगी। जबकि 437 मेगावाट की संभावित जरूरत रहने वाली है। अपना नहीं कोई पावर प्लांट

चंडीगढ़ प्रशासन का अपना कोई पावर जेनरेशन प्लांट नहीं है। सेंटर जेनरेटिंग स्टेशनों से ही बिजली खरीदी जाती है। न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया, नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड, नेशनल हाईड्रोइलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन और सतलुज जल विद्युत निगम से चंडीगढ़ बिजली लेता है। प्रत्येक स्टेशन से प्रति वर्ष कितनी बिजली खरीदी जानी है, यह पहले ही निर्धारित होता है। इसके अलावा जितनी बिजली की डिमांड और रहती है, वह अनएलोकेटेड डिमांड और शॉर्ट टर्म पावर परचेज से पूरी की जाती है। इसके अलावा सोलर से भी 17 मेगावाट तक बिजली पैदा हो रही है। पीक डिमांड को कुछ कम करने में यह भी सहायक रहता है।


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