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इंग्लैंड में रेफरेंडम-2020 कल, पंजाब में गरमाई सियासत

यूके ने स्पष्ट किया है कि वह रेफरेंडम 2020 पर रोक नहीं लगा सकता। सरकार विरोध प्रदर्शन से किसी को रोक नहीं सकती।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 01:19 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 08:58 PM (IST)
इंग्लैंड में रेफरेंडम-2020 कल, पंजाब में गरमाई सियासत
इंग्लैंड में रेफरेंडम-2020 कल, पंजाब में गरमाई सियासत

जेएनएन, नई दिल्ली/चंडीगढ़। इंग्लैंड में 12 अगस्त को होने वाले रेफरेंडम-2020 पर रोक से यूके ने इन्कार कर दिया है। दूसरी तरफ इसे लेकर पंजाब में भी सियासत गरमा गई। दिल्ली में इंग्लैंड के उच्चायुक्त ने अपने ट्वीटर हेंडल पर कहा है कि उनके देश में प्रत्येक नागरिक को कानून के दायरे में रहकर विरोध प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है, इसलिए वह 12 अगस्त को रेफरेंडम-2020 के लिए प्रदर्शन करने वाले सिखों को रोक नहीं सकते।

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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि वह कानून को तोड़ते हैं, तनाव पैदा करते हैं और घृणा फैलाने वाला काम करते हैं तो पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के पूरे अधिकार हैं। उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पंजाब में रेफरेंडम-2020 की बात ही बेतुकी है। ऐसी बात करने वाला यहां कोई भी नहीं है क्योंकि लोग शांति चाहते हैं।

कैप्टन ने कहा, वह खालिस्तानी तत्वों के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यदि वह हथियारों के साथ आते हैं तो मेरी सलाह उनको यही होगी कि वह समर्पण कर दें नहीं तो उनको खत्म कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने 12 अगस्त को इंग्लैंड में होने वाली खालिस्तान समर्थकों की प्रस्तावित रैली को नकारते हुए कहा कि यह विदेश में बसे आइएसआइ समर्थित मुट्ठी भर बौखलाए सिखों की पंजाब व भारत में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश है। इस रैली से कोई भी चिंता नहीं है।

किसी भी कोशिश को सख्ती से कुचल देंगे

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राज्य में आतंकवाद को फिर से पैदा करने की किसी भी कोशिश को सख्ती से कुचलने के लिए पुलिस को कहा है। उनकी सरकार में करीब डेढ़ साल में पुलिस ने बहुत से आतंकवादी गिरोहों पर कार्रवाई की है और हथियार व गोली बारूद के अलावा नशीली वस्तुएं भी पकड़ी हैं।

इंग्लैंड की रैली पैसा जुटाने का स्कैंडल

इंग्लैंड सरकार द्वारा जनमत संग्रह-2020 की रैली रोकने से इन्कार करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी उनको कोई परवाह नहीं है। जनमत संग्रह का समूचा व्यापार सिख फॉर जस्टिस और इसको बढ़ावा देने वालों का पैसा इकट्ठा करने का एक स्कैंडल है। सिर्फ इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका व जर्मनी जैसे देशों के मुट्ठीभर बौखलाए सिख इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं जो ज्यादा समय नहीं चल सकता।

विदेश मंत्रलय ने भी दर्ज करवाया था विरोध

गत दिवस भारतीय विदेश मंत्रलय ने सिखों की इस गतिविधि पर अपना विरोध दर्ज करवाया था और कहा कि इससे भारत व इंग्लैंड के संबंध भी प्रभावित हो सकते हैं और वहां की सरकार को इस प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। हालांकि अब यूके रोक लगाने से इन्कार कर दिया है।

रेफरेंडम-2020 के पीछे पाकिस्तान: हरसिमरत

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एक प्रेस बयान में कहा है कि रेफरेंडम 2020 के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। आइएसआइ फंडिंग कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंध में जरूरी कदम उठाने की अपील की है।

रेफरेंडम 2020 को आप का समर्थन नहीं : मान

दिड़बा में सांसद भगवंत मान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी एक निष्पक्ष पार्टी है। रेफरेंडम 2020 को उनकी पार्टी समर्थन नहीं करती। 13 अगस्त की पार्टी जालंधर की बैठक रद करके अब 15 को ईसड़ू में सियासी कांफ्रेंस की जा रही है।

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