जज नोट कांड के आरोपित रविंद्र सिंह ने मांगी UK जाने की इजाजत Chandigarh News
रविंद्र ने अपनी याचिका में बताया कि उसे किसी काम से यूके जाना है। इस दौरान वह 20 दिसंबर से लेकर पांच जनवरी 2020 तक वहां पर रहेगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। बहुचर्चित जज नोट कांड में शनिवार को सीबीआइ की स्पेशल अदालत में दो लोगों की गवाही हुई। इसके अलावा आरोपित रविंद्र सिंह भसीन ने अदालत से यूके जाने के लिए परमिशन मांगी है। इससे पहले आरोपित रिटायर्ड जस्टिस निर्मल यादव ने भी पासपोर्ट रिन्यू करवाने के लिए अदालत में याचिका लगाई थी। रविंद्र ने अपनी याचिका में बताया कि उसे किसी काम से यूके जाना है। इस दौरान वह 20 दिसंबर से लेकर पांच जनवरी 2020 तक वहां पर रहेगा। अब दोनों की याचिकाओं पर फैसला मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगा।
गलती से मुंशी दूसरी जगह पहुंच गया था 15 लाख लेकर
आरोप है कि 13 अगस्त 2008 की रात हरियाणा के तत्कालीन एडिशनल एडवोकेट जनरल संजीव बंसल ने अपने मुंशी को रिटायर्ड जस्टिस निर्मल यादव के घर 15 लाख रुपये देने के लिए भेजा था। लेकिन मुंशी ने गलती से यह राशि जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर पहुंचा दी। इस पर जस्टिस निर्मलजीत कौर के नौकर ने पुलिस में शिकायत कर दी थी। सीबीआइ ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जस्टिस निर्मल यादव के अलावा संजीव बंसल, प्रकाश राम, दिल्ली के होटेलियर रविंद्र सिंह और शहर के बिजनेसमैन राजीव गुप्ता और निर्मल सिंह आरोपित हैं। संजीव बंसल की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। सीबीआइ का आरोप है कि 15 लाख रुपये सोलन में लैंड डीड के लिए नहीं थे बल्कि यह वह बेनामी पैसा था जिसका इस्तेमाल 11 मार्च, 2008 को जस्टिस यादव के पंचकूला के सेक्टर-16 की एक प्रॉपर्टी के हक में फैसला देने के लिए हुआ था।
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