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Coronavirus Rapid Testing: अब 20 मिनट में पता चल जाएगा कोरोना संक्रमण का, मौके पर ही आएगी टेस्ट रिपोर्ट

आइसीएमआर ने पीजीआइ चंडीगढ़ समेत सात अस्पतालों को रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के लिए चयनित किया है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 10:36 AM (IST)
Coronavirus Rapid Testing: अब 20 मिनट में पता चल जाएगा कोरोना संक्रमण का, मौके पर ही आएगी टेस्ट रिपोर्ट

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल एंड रिसर्च (आइसीएमआर) ने अहम कदम उठाया है। आइसीएमआर ने पीजीआइ चंडीगढ़ समेत सात अस्पतालों को रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के लिए चयनित किया है। अब 20 मिनट के अंदर यह पता लग जाएगा कि किसी शख्स को कोरोना है। कोरोना के सैंपल लेकर मौके पर ही रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिए यह पता लग जाएगा कि शख्स कोरोना संक्रमित है या नहीं। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के कोरोना सैंपल लेकर टेस्टिंग की जा सकेगी। आइसीएमआर ने इस तकनीक को लेकर यह कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि देश में लगातार कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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आरटी-पीसीआर के जरिये छह से सात घंटे लगते हैं रिपोर्ट आने में

पीजीआइ डायरेक्टर प्रो. जगतराम ने बताया कि मौजूदा आरटी-पीसीआर तकनीक के माध्यम से कोरोना सैंपल लेकर टेस्टिंग की जा रही है। इस तकनीक में सैंपल लेकर लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे जाने के बाद छह से सात घंटे में रिपोर्ट आती है कि कोरोना है या नहीं। लेकिन अब रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिये मात्र 20 मिनट में मौके पर ही यह पता चल जाएगा कि शख्स को कोरोना है या नहीं। रेपिड एंटीजन टेस्ट के जरिये एक दिन में 400 से 500 लोगों की टेस्टिंग की जा सकेगी।

ट्रायल के तौर पर पीजीआइ चंडीगढ़ को किया चयनित

प्रो. जगतराम ने बताया कि पूरे देश में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल एंड रिसर्च ने पीजीआइ चंडीगढ़ समेत सात अस्पतालों को रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए चयनित किया है। इन सात अस्पतालों में एम्स दिल्ली, एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर, किंग ज्योर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, कस्तूरबा हॉस्पिटल मुंबई, पीजीआइ चंडीगढ़, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट पुडुचेरी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी केरल का चयन किया गया है। ट्रायल बेस पर इन सभी सातों अस्पतालों में अब रैपिड एंटीजन के माध्यम से कोरोना सैंपल लेकर टेस्टिंग की जाएगी। एक महीने के अंदर इस तकनीक से जितने भी टेस्ट किए जाएंगे। इस सबकी रिपोर्ट आइसीएमआर को भेजी जाएगी। अगर इस तकनीक से कम समय में लोगों के सैंपल लेकर टेस्टिंग के जरिये सही रिजल्ट आए। इसके बाद इस तकनीक को रेगुलर तौर पर लागू किया जाएगा।

नई और पुरानी दोनों तकनीक से टेस्ट कर पता लगाए जाएंगे परिणाम

प्रो. जगतराम ने बताया कि रैपिड एंटीजन टेस्ट तकनीक के जरिये एक सैंपल लेकर मौके पर ही टेस्ट किया जाएगा। इसके बाद उसी व्यक्ति के दूसरे सैंपल लेकर पुरानी तकनीक आरटी-पीसीआर के लिए लैब में सैंपल भेजे जाएंगे। छह से सात घंटे के बाद लैब से रिपोर्ट आने के बाद इसके परिणाम को रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट से मैच किया जाएगा। अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिये और पुरानी तकनीक आरटी-पीसीआर से आए सैंपल रिपोर्ट मैच करती है। इसके बाद इस तकनीक को पूरे देशभर में लागू किया जाएगा।


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