पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर बोले- रक्षा पैनल की मीटिंग से राहुल गांधी का वाकआउट जायज
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के रक्षा पैनल की बैठक से बाहर जाने का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर को इस पैनल की बैठक पर नजर रखनी चाहिए।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय रक्षा समिति से वाकआउट किए जाने को पूरी तरह जायज बताया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लोकसभा स्पीकर को इस समिति के कामकाज पर नजर रखनी चाहिए। जब भारत के लिए चीन और पाकिस्तान खतरा पैदा कर रहे हैं तो समिति को फौज के जूतों और बटनों को कैसे चमकाया जाए की जगह सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए थी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह इस पैनल के कामकाज पर राजनीतिक प्रभाव पड़ रहा है और इसके चेयरमैन शायद कभी एनसीसी का भी हिस्सा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को फौज के बारे में कुछ नहीं पता उनको समितियों में जगह मिल रही है और उनसे हम मुल्क की रक्षा करने की आशा करते हैं।
मौजूदा समिति के कामकाज की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि उनको इसका स्तर देख कर शर्म महसूस होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहुल का ऐसी मीटिंग से वाकआउट करना बिल्कुल सही था। उन्होंने कहा कि सीनियर सैन्य अधिकारियों की बैठकें छोटे मामलों संबंधी बात करने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे सैनिकों की चिंताएं जैसे बड़े मुद्दों पर विचार करने को होती हैं। उन्होंने कहा कि आप उनके लिए क्या कर रहे हो? आप उनके रहन-सहन, उनके कपड़े, भोजन, हथियार, गोला बारूद के लिए क्या कोशिशें कर रहे हो? समिति को इस बारे में विचार करने की जरूरत है।
कैप्टन अमरिंदर ने पार्टी के संसद सदस्यों को बोलने की आज्ञा न देने की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस सदस्यों के साथ अत्याचारपूर्ण व्यवहार किया गया। समिति के मेंबर के तौर पर अपने तजुर्बे साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब इंदिरा गांधी चेयरपर्सन थीं और एक अन्य मौके पर मेजर जनरल बीसी खंडूरी पैनल के प्रमुख थे, हमें खुलकर बोलने की इजाजत होती थी। इंदिरा गांधी रक्षा मंत्री भी थीं और सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों को अच्छी तरह समझती थीं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि जो कुछ अब किया जा रहा है, वह सब इन परंपराओं को खत्म करने की कोशिश है।