लोहड़ी पर पंजाब के लिए आया शुभ समाचार, शुभमन को मिली टीम इंडिया में जगह
टीम से निलंबित राहुल और हार्दिक पांड्या की जगह विजय शंकर और शुभमन गिल को शामिल किया गया है। यह दोनों खिलाड़ी अब अॉस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे में टीम इंडिया का हिस्सा बनेंगे।
चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। हाल ही में रणजी मैच में तमिलनाडु के खिलाफ दोहरा शतक जड़ने वाले शुभमन गिल जल्द अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले हैं। दरअसल, कॉफी विद करण शो में विवादित बयान के चलते केएल राहुल और हार्दिक पांड्या को भारतीय टीम से निलंबित कर दिया गया है। टीम से निलंबित इन दोनों खिलाड़ियों की जगह विजय शंकर और शुभमन गिल को शामिल किया गया है। यह दोनों खिलाड़ी अब अॉस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे में टीम इंडिया का हिस्सा बनेंगे।
शुभमन गिल के इस चयन से परिवार में खुशी को माहौल है। शुभमन के पिता लखविंदर सिंह ने बताया कि यह लोहड़ी हमारे लिए खुशियां लेकर आई है। शुभमन अब पूरी तरह से इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए तैयार है, उसे खुद को साबित करने के लिए सिर्फ एक मौके की तलाश थी, ऐसे में अब उसे अपना बेस्ट देना होगा, ताकि वह भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह सुनिश्चित कर सके। गौरतलब है कि टीम इंडिया आस्ट्रेलिया के खिलाफ 15 और 18 जनवरी को दो वनडे मैच और 23 जनवरी से न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच की सीरीज खेलेगी।
अंडर -19 वर्ल्ड कप में रहा था शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन
अंडर- 19 वर्ल्ड कप विजेता टीम में शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन रहा है। 30 जनवरी 2018 को सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शुभमन के नाबाद 102 रनों ने टीम को फाइनल में पहुंचाया और वर्ल्ड कप जिताया। इसी पारी की बदौलत शुभमन गिल इस टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे।
उन्होंने विश्वकप में पांच मैचों में 124 की औसत से 372 रन बनाए थे, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 112.38 रहा था, उन्हें उनकी शानदार औसत के लिए यूथ क्रिकेट में जूनियर डॉन ब्रेडमैन कहा जाता है। इस साल शुभमन गिल ने रणजी में दस पारियों में 98.75 के औसत से 790 रन बनाए हैं। यही वजह है कि चयन समिति ने उन पर भरोसा दिलाया है।
शुभमन गिल को जो आउट करता उसे मिलते थे 100 रुपये
शुभमन गिल की बल्लेबाजी निराखने में उनके पिता का अहम योगदान रहा है। शुभमन गिल के पिता लखविंदर सिंह ने बताया कि वह स्थायी रूप से पंजाब के फाजिल्का जिले में चक खेरेवाला गांव के रहने वाले हैं। शुभमन गिल का जन्म भी जन्म भी गांव में हुआ था। मैंने बचपन से ही शुभमन गिल को क्रिकेटर बनाने की ठान ली थी। इसकी कोचिंग के लिए मैंने अपने खेत को ही ग्राउंड बना दिया था।
शुभमन गिल की बतौर बल्लेबाज ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस कर सकें, इसके लिए मैंने खासतौर पर रणनीति बनाई थी। मैं खुद पास खड़े होकर सबको चुनौती देता था कि जो भी शुभमन गिल को आउट करेगा उसे वह 100 रुपये ईनाम देंगे। इस तरह शुभमन गिल लगातार घंटों बल्लेबाजी करते। दूसरे खिलाड़ी भी शुभमन गिल को आउट करने में खूब मेेहनत करते। शुभमन रोजाना 5 से 6 घंटे क्रीज पर टिक कर बड़े आराम से बल्लेबाजी करते थे।
बेटे को बल्लेबाज बनाने के लिए छोड़ दिया गांव
लखविंदर ने बताया कि बेटे को क्रिकेटर बनाने का जुनून उनके सिर पर इस कदर सवार था कि वह गांव में अपनी खेतीबाड़ी छोड़कर मोहाली में किराये के मकान में आकर बस गए। शुभमन ने काफी समय तक स्कूल की एक क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग ली, उसके बाद शुभमन का दाखिला मैंने पीसीए मोहाली क्रिकेट एकेडमी में करवा दिया। जहां शुभमन ने काफी कुछ सीखा।
शुभमन की क्रिकेट में ऐसी लग्न लगी कि वह रोज सुबह 3.30 बजे उठते थे और 4 बजे एकेडमी में पहुंच जाते थे। दिनभर प्रैक्टिस करने के बाद वह शाम को घर लौटते थे। क्रिकेट में उनकी समझ बढ़े इसके शाम को सीनियर प्लेयर्स के सेशन को देखते थे। इसी तरह सालों की मेहनत के बाद अाज शुभमन गिल को अपनी मंजिल मिली है।