गायक पम्मी बाई बाेले , पंजाबी विरासत ही रहेगी मेरे संगीत की पहचान Chandigarh News
2002 में जो अपनी एलबम नच नच पोणी धमाल को लेकर आया तो लोगों ने मुझे खूब सराहा। लोगों ने इसे पंजाबी संस्कृति से जुड़ा हुआ बताया। मैंने इसमें लोक गीतों और बोलियों को प्राथमिकता दी।
चंडीगढ़, [जेएनएन]। 2002 में जो अपनी एलबम नच नच पोणी धमाल को लेकर आया तो लोगों ने मुझे खूब सराहा। लोगों ने इसे पंजाबी संस्कृति से जुड़ा हुआ बताया। मैंने इसमें लोक गीतों और बोलियों को प्राथमिकता दी। मैं आज भी इसे वैसे ही प्राथमिकता देता हूं। इसी कोशिश में अपनी दूसरी एलबम नच नच पोणी धमाल-2 लेकर आया हूं। जिसमें पंजाबी संस्कृति की खुशबू मिलेगी। गायक पम्मी बाई कुछ इसी अंदाज में अपनी एलबम पर बोले। बुधवार को उन्होंने अपनी एलबम को पंजाब कला भवन-16 में लांच किया।
उन्होंने कहा कि ये पूरी एक एलबम है जिसमें नौ गीत हैं। इसमें एक गीत शौकत अली खान के बेटे के साथ भी गाया है जो बहुत खास है। इसमें अपने पंजाब और दूसरे तरफ बसे पंजाब की बात होगी।
किसी को बुरा नहीं कहता बस खुद कुछ अच्छा करना चाहता हूं
पम्मी ने कहा कि इन दिनों जैसा भी संगीत बन रहा हो मगर मैं उस पर ज्यादा गौर नहीं करता। देखिए हर किसी के लिए संगीत बनता है। ऐसे में हम कैसे कहदें कि ये खराब है, वो खराब है। मैं किसी को बुरा कहने में यकीन नहीं रखता। मगर खुद कुछ अलग करना चाहता हूं। इसी कोशिश में ये एलबम निकाली जो आजकल इक्का-दुक्का गायक ही निकालते हैं। इसमें कई युवा गीतकारों को भी मौका दिया है। युवाओं को जोड़ने का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता जब हमें उन्हें अपने साथ लेकर चलें।
हम अपने युवाओं को बहुत सामान्य समझते हैं जबकि वो अपने अंदर एक अलग दुनिया बसाए हुए हैं। जरूरत है तो अपनी संस्कृति के साथ उन्हें साथ लेकर चलने की। यही कोशिश मैंने अपनी इस एलबम में की है, उम्मीद है लोगों को ये पसंद आएगी।