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ISI के निशाने पर पंजाब के युवा, गैरआपराधिक रिकार्ड वालों को जाल में फंसाने की साजिश

पंजाब को आतंकवाद की आग में झोंकने का प्रयास कर रही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के निशाने पर ऐसे युवा हैं, जिनका कोई आपराधिक रिकार्ड न हो।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 10:16 AM (IST)
ISI के निशाने पर पंजाब के युवा, गैरआपराधिक रिकार्ड वालों को जाल में फंसाने की साजिश
ISI के निशाने पर पंजाब के युवा, गैरआपराधिक रिकार्ड वालों को जाल में फंसाने की साजिश

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब को आतंकवाद की आग में झोंकने का प्रयास कर रही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के निशाने पर ऐसे युवा हैं, जिनका कोई आपराधिक रिकार्ड न हो।वह पंजाब में आतंकवाद भड़काने के लिए यहां के ऐसे युवाओं की साजिश में जुटा है जो पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आसानी से न आएं। पंजाब में दो माह में हुए दो आतंकी बम धमाकों में आइएसआइ ने इसी मॉड्यूल पर काम किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी इस बात को मानते हैं।

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मकसूदां थाना और अदलीवाल बम धमाके में ऐसे ही युवाओं का इस्तेमाल

सितंबर में जालंधर के मकसूदां थाने में हुए बम धमाके और 18 नवंबर को अदलीवाल में निरंकारी भवन में हुए बम धमाके में सबसे कॉमन बात यही निकल कर सामने आई है कि दोनों ही धमाकों को अंजाम देने वाले न सिर्फ युवा थे, बल्कि उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी। मकसूदां थाने में हुए बम धमाके को कश्मीरी छात्रों ने अंजाम दिया, तो अमृतसर में हुए बम धमाके में भी 32 व 26 साल के युवाओं ने अंजाम दिया।

अमृतसर में बम धमाके में जिस एचजी-84 हैंड ग्रेनेड का प्रयोग किया गया, वह पाकिस्तान की ऑर्डिनेंस फैक्टरी (पीओएफ) में 84-पी-2ए.वन के तौर पर किया जाता है। ऐसे ग्रेनेड आम तौर पर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ऑस्ट्रिया की फौजोंं की ओर से इस्तेमाल किए जाते हैं। एचजी-84 ग्रेनेड धमाके के बाद बुरी तरह बिखर जाता है और इसके प्रभावित करने का दायरा 20 से 30 मीटर तक है। यह ग्रेनेड लोगों के भीड़ पर हमले करने के लिए मुख्य तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। पिछले समय के दौरान ऐसे ग्रनेड का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में भी किया गया है।

हमलावर बिक्रमजीत सिंह और अवतार सिंह।

बिक्रमजीत और अवतार सिंह को मिले थे पैसे

अमृतसर बम धमाके को अंजाम देने के लिए बिक्रमजीत और अवतार सिंह को काम को अंजाम देने के लिए पैसे दिए गए थे। हालांकि, अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि उनको कितनी रकम मिली था और किसने दी थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है, ऐसे युवा आइएसआइ के निशाने पर हैं। क्योंकि इन्हें टारगेट कर बरगलाना आसान होता है।

पंजाब के माहौल को खराब करने की कोशिश में आइएसआइ

अमरिंदर सिंह के अनुसार, मकसूदां और अमृतसर में जिस प्रकार के विस्फोटक का प्रयोग किया गया, उससे यह बात और अधिक पुष्टि हो जाती है कि आइएसआइ पंजाब के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है। पहले टारगेट किलिंग करके माहौल को खराब करने की कोशिश की। अब भीड़ को निशाना बनाया गया है।


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