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जनवरी माह में मिल सकती है Punjab University चंडीगढ़ को रूसा से अगली ग्रांटस

रूसा ने पहले भी पीयू को रिसर्च वर्क के लिए ग्रांट दी थी और इस बार भी वो रिसर्च वर्क के लिए ही पीयू को ग्रांट देगा। पीयू के वैज्ञानिकों को हाल फिलहाल में रिसर्च के क्षेत्र में काफी सम्मान मिले है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 07:54 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 07:54 AM (IST)
पीयू आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। (फाइल फाेटाे)

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा विभाग (रूसा) की ओर से जनवरी माह में ग्रांट मिलने वाली है। यह ग्रांट पीयू को रिसर्च कार्यो के लिए मिलेगी। सूत्रों के अनुसार अगस्त माह में पीसू वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को फंड मुहैया करवाने के लिए पत्र लिखा था।

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हालांकि वीसी ने वह पत्र आर्थिक मंदी से निकलने के लिए लिखा था। लेकिन यूजीसी और एमएचआरडी की जगह रूसा पीयू को ग्रांट देगा। रूसा ने लाॅकडाउन से पहले ही पीयू को 50 करोड़ रुपये की ग्रांट दी थी। इस बार भी उम्मीद लगाई जा रही है कि रूसा पीयू को 50 करोड़ रुपये की ग्रांट दे सकता है। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि रूसा पीयू काे 50 करोड़ रुपये ही देगा या कम।

रिसर्च कार्यों के लिए मिलेगी ग्रांट

सूत्रों के अनुसार रूसा ने पहले भी पीयू को रिसर्च वर्क के लिए ग्रांट दी थी और इस बार भी वो रिसर्च वर्क के लिए ही पीयू को ग्रांट देगा। पीयू के वैज्ञानिकों को हाल फिलहाल में रिसर्च के क्षेत्र में काफी सम्मान मिले है। अभी फिलहाल पीयू आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में उसे 50 करोड़ रुपये की ग्रांट मिलना काफी लाभ देगा।

रिसर्च के लिए पीयू में अभी चल रहा काफी कार्य

पीयू में इस समय 40 से ज्यादा रिसर्च चल रही है। ऐसे में रूसा से मिलने वाली राशि से पीयू में चल रहे रिसर्च कार्यों को प्रगति मिलेगी। फिजिक्स विभाग से लेकर फार्मा विभाग तक में रिसर्च चल रही है। इसके अलावा कई शोधार्थी भी रिसर्च कार्यों में लगे हुए है।

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