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स्कॉलरशिप घोटाले में मंत्री धर्मसोत को क्लीन चिट देने पर बरसे आप नेता, हाई कोर्ट में देंगे चुनौती

पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटालेे में पंजाब सरकार द्वारा मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को क्लीन चिट देने पर आम आदमी पार्टी ने नाराजगी जताई है। आप ने कहा कि वह इस मामले को हाई कोर्ट ले जाएगी। सरकार ने रिपोर्ट सार्वजनिक न की तो सीएम का सिसवां फार्म हाउस घेरेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 11:17 AM (IST)
स्कॉलरशिप घोटाले में मंत्री धर्मसोत को क्लीन चिट देने पर बरसे आप नेता, हाई कोर्ट में देंगे चुनौती
पत्रकारों से बातचीत करते विपक्ष के नेता हरपाल चीमा। जागरण

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले (Punjab Post Matric Scholarship Scam) की जांच के बाद कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को क्लीनचिट देने को आम आदमी पार्टी (आप) ने सिरे से खारिज कर दिया है। विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने आरोप लगाया है कि तथ्यों को नकारकर जांच टीम ने विभाग के मंत्री साधू सिंंह धर्मसोत को क्लीनचिट दी है। आम आदमी पार्टी इस जांच रिपोर्ट को हाई कोर्ट में चुनौती देगी।

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उन्होंने इस मामले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआइ से करवाने की मांग भी की। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरपाल चीमा ने कहा कि सरकार को इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने यह नहीं बताया कि 39 करोड़ रुपये किन-किन कालेजों को दिए गए तो आप की ओर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का सिसवां फार्म हाउस घेरा जाएगा, जहां कैप्टन इस समय रह रहे हैं।

केंद्रीय टीम की जांच पर भी उठ रहे सवाल

चीमा ने इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में करवाई जाने वाली जांच पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने टीम गठित कर निष्पक्ष जांच का दावा किया था, परंतु एक महीना बीतने के बावजूद न तो टीम ने पंजाब का दौरा किया है और न ही अब तक राज्य सरकार से रिकार्ड तलब किया है।

अफसरों को डरा रही सरकार

चीमा ने आरोप लगाया कि घोटालों से पर्दा उठाने वालों को राज्य सरकार की ओर से डराया जा रहा है। जब यह घोटाला सामने आया था तो मंत्री धर्मसोत ने कहा था कि उन्होंने फाइल पर हस्ताक्षर ही नहीं किए हैं। अब कहा जा रहा है कि रिपोर्ट नीचे से बनकर आई थी और इस पर मंत्री के केवल हस्ताक्षर हैं। इसलिए अब मंत्री धर्मसोत के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए।


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