Punjab Politics: अध्यादेश पर केजरीवाल को समर्थन देने का निर्णय लेने से पहले कांग्रेस ने लिया पंजाब से फीडबैक
केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली प्रशासन को लेकर 19 मई को लेकर लाए गए अध्यादेश पर कोई भी फैसला लेने से पहले कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस से फीडबैक लिया है। इस अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी विपक्षी पार्टी से सहयोग मांग रहे हैं
चंडीगढ़, कैलाश नाथ : केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली प्रशासन को लेकर 19 मई को लेकर लाए गए अध्यादेश पर कोई भी फैसला लेने से पहले कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस से फीडबैक लिया है। इस अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी विपक्षी पार्टी से सहयोग मांग रहे हैं।
इसे देखते हुए विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पहले ही पार्टी हाईकमान को बता दिया था कि किसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले उन्हें पंजाब के कांग्रेसी नेताओं से विचार विमर्श करना चाहिए।
पंजाब में सरकार बनाने के बाद AAP ने की बदला खोरी
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का कहना है ‘पार्टी ने उनसे पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से लेकर अभी तक की रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट उन्होंने पार्टी को दे दी है।’ राजा वड़िंग ने यह तो नहीं बताया कि रिपोर्ट में उन्होंने क्या कहा हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि आप ने पंजाब में सरकार बनाने के बाद बदला खोरी की राजनीति की हैं।
वड़िंग ने कहा ‘हमने अपनी रिपोर्ट दे दी हैं। अब पार्टी हाईकमान जो फैसला लेगी वह हमें मंजूर होगा।’ अहम बात यह है कि पंजाब में सरकार बनने के बाद कांग्रेस के दो मंत्री और दो पूर्व विधायकों को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा हैं।
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ दो FIR दर्ज
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री ओपी सोनी समेत पांच मंत्रियों के खिलाफ विजिलेंस आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कर रही हैं। खुद प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें से एक मुख्यमंत्री के आवास पर धरना देने और एक आईटी एक्ट के तहत हैं।
वहीं, कांग्रेस को यह भी चिंता हैं कि अगर अध्यादेश को लेकर कांग्रेस केजरीवाल को समर्थन देती हैं तो पंजाब में इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। कांग्रेस का कार्यकर्ता निरुत्साहित हो सकता हैं। क्योंकि कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक नेताओं व कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने पर्चे दर्ज किए हैं।
रेजरीवाल का सपोर्ट करना पंजाब में हो सकता है निगेटिव
हालांकि, राजा वड़िंग यह कह रहे हैं कि पार्टी जो भी फैसला करेगी वह उन्हें मान्य होगा लेकिन विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने जिस प्रकार से पार्टी हाईकमान को संदेश दिया हैं कि जो देश में केंद्र की भाजपा सरकार कर रही हैं, उसी प्रकार आप पंजाब में पुलिस व जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं, उससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि अगर कांग्रेस अध्यादेश का विरोध करती हैं तो पंजाब में इसका नकारात्मक असर पड़ना तय हैं।
क्योंकि 2022 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का कार्यकर्ता एक साथ था तो नेताओं के सुर अलग-अलग थे। 10 मई को जालंधर में हुए लोकसभा के उप चुनाव में कांग्रेस के नेता एक साथ थे तो कार्यकर्ताओं के सुर अलग थे।