नागरा को छोड़ सभी विधायक आढ़तियों के समर्थन में
-पांच बिल पेश, एक को छोड़कर विपक्ष ने सभी का विरोध किया -दो बिलों पर सत्ता पक्ष के वि
-पांच बिल पेश, एक को छोड़कर विपक्ष ने सभी का विरोध किया
-दो बिलों पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी नहीं दिया सरकार का साथ
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इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में कृषि उत्पादों पर कीमत स्थिर करने और आढ़तियों की ओर से किसानों को दिए जा रहे कर्ज की सीमा निश्चित करने वाले दो बिलों पर ज्यादातर विधायक आढ़तियों में पक्ष में ही बोले। हालांकि, बिल पास करवाने के वक्त वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को यहां तक कहना पड़ा कि पिछले 10 वर्षो में पंजाब के दस हजार किसानों ने आत्महत्या कर ली है, जबकि इतने वर्षो में आढ़तियों को 45 हजार करोड़ रुपये का कमीशन मिला है। ये दोनों बिल कैप्टन अमरिंदर सिंह की गैर मौजूदगी में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पेश किए।
आप विधायक अमन अरोड़ा ने इन दोनों बिलों पर कहा कि राज्य में 23500 आढ़ती हैं और सरकार ने अपने बिल में प्रावधान किया है कि उनको मिलने वाली कमीशन से कुछ हिस्सा काटकर यह फंड बनाया जाएगा। कांग्रेस के संगत सिंह गिलजियां ने भी कहा कि इससे आढ़तियों को नुकसान होगा। कांग्रेस के ही अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी इसका विरोध किया और कहा कि किसानों के लिए फंड जरूर बनाना चाहिए, लेकिन आढ़तियों से लेकर नहीं। उन्होंने आढ़तियों पर कर्ज देने की सीमा निश्चित करने वाले बिल का भी विरोध किया और कहा कि सरकार कौन होती है दोनों के लेन-देन को तय करने वाली। आप विधायक कंवर संधू ने कहा कि दोनों बिलों को इकट्ठा करते हुए कहा कि यदि आढ़तियों से लेने वाले कर्ज को लेकर सीमा निश्चित कर दी गई, तो ठेके पर जमीन लेकर खेती करने वालों को नुकसान होगा।
सिर्फ कुलजीत नागरा ही किसानों के समर्थन में उतरे और उन्होंने कहा कि कर्ज की सीमा को निश्चित करना जरूरी है, क्योंकि आजकल आढ़ती किसानों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार सीमा निश्चित नहीं करेगी, उनको कर्ज जाल में फंसने से नहीं बचा पाएंगे।
इनका जवाब देते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि यह फंड बनाना जरूरी है। जितना फंड सरकार इसमें डालेगी उतनी ही राशि केंद्र से मिलेगी। इसे वैकल्पिक फसलों के समर्थन मूल्य और बाजारी मूल्य के अंतर को देखकर किसानों को अदा किया जा सकेगा। मनप्रीत ने कहा कि मुझे लगता था कि इसका स्वागत होगा क्योंकि किसानों में आत्महत्या के रुझान को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि कर्ज की सीमा तय करने के लिए कमेटी बनेगी, जिसमें आढ़ती, किसान और सरकार के नुमाइंदे होंगे। विधायकों को लाभ के पद से निकालने का विरोध
विधायकों को बोर्ड कारपोरेशन के चेयरमैन लगाने के लिए लाभ के पद से निकालने के लिए लाए गए बिल का विपक्ष ने जमकर विरोध किया। विपक्ष ने इसे चोरी से विधायकों को लाभ पहुंचाने वाला बताया। विरोध करने वालों में आप के विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंधवां, भाजपा के सोमप्रकाश और अकाली दल के विधायक शामिल थे। सभी ने कहा कि ये बिल कोर्ट में टिक नहीं पाएगा। पहले भी जिन राज्यों ने ऐसी कोशिश की है, उनके मामले अदालत में लंबित हैं। कांग्रेस के रणदीप नाभा ने भी इसका विरोध किया और कहा कि इस पर एजी की सदन में राय ली जाए। विरोध के बावजूद ये बिल भी पास हो गया। प्रमोशन में आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास
अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने संबंधी लाया गया 'द पंजाब शेडयूल कास्ट एंड बैकवर्ड कास्ट संशोधन बिल 2018' भी सर्वसम्मति से पास हो गया। पंजाब म्युनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड संशोधन बिल विपक्ष के विरोध के बावजूद पास हो गया। विरोध करते हुए अकाली दल के विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि सरकार ने यह नहीं बताया कि कंसोलिडेट फंड से पीएमआइडीसी को जो कर्ज दिया जाएगा, सरकार वह कहां से लाएगी। कुलजीत नागरा ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री वित्तीय शब्दावली में न उलझाएं। आपकी पूर्व सरकार की ओर से अधूरे छोड़े गए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ये कर्ज लिया जा रहा है। प्रो. बलजिंदर कौर ने पूछा कि हुडको से लोन किन शर्तो पर लिया जा रहा है।