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मंत्रियों के काम की हर छह माह बाद होगी समीक्षा

-कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी ने कहा, चेहरा नहीं काम देखेगी पार्टी -मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 09:19 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 09:19 PM (IST)
मंत्रियों के काम की हर छह माह बाद होगी समीक्षा

-कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी ने कहा, चेहरा नहीं काम देखेगी पार्टी

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-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद भी रख रहे गतिविधियों पर नजर

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कैलाश नाथ, चंडीगढ़: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस पार्टी में विधायकों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, कांग्रेस ने सभी मंत्रियों के काम की समीक्षा का फैसला किया है। पार्टी समय-समय पर मंत्रियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेगी और पहली समीक्षा करीब छह माह बाद होगी। इस बात की पुष्टि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से भी यह संकेत मिलना शुरू हो गए हैं। पार्टी ने यह भी स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चाहे परिस्थितियां कुछ भी हों, लेकिन फिलहाल कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं होगा।

कैबिनेट विस्तार में ओबीसी व वाल्मीकि बिरादरी को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से पार्टी के विधायक राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच बना रहे हैं। वहीं, सीएम कार्यालय से लेकर पार्टी हाईकमान भी सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद सारी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। सीएमओ भी घटनाक्रम को हलके में नहीं ले रहा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि भले ही तस्वीर बदलने में कुछ समय जरूर लगे, लेकिन बदलेगी जरूर।

परफॉर्मेस न देने वालों पर गिरेगी गाज

प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने कहा, 'छह माह बाद सभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। पार्टी ने चेहरा नहीं बल्कि काम देखना है। जो मंत्री परफार्मेस नहीं दे पाएंगे, उन पर गाज गिरेगी।' उन्होंने कहा कि पार्टी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। एक सवाल के जवाब में आशा कुमारी ने कहा कि किसी को भी अपनी बात पार्टी अध्यक्ष के सामने रखने का पूरा अधिकार है। पार्टी की मर्यादा में रह कर जो कोई भी अपनी बात रख रहा है, उसकी सुनी भी जा रही है। 2019 के असर पर नजर

कांग्रेस पार्टी की परेशानी यह भी है कि कैबिनेट विस्तार में ओबीसी और वाल्मीकि समुदाय का प्रतिनिधित्व न होने का असर कहीं 2019 पर न पड़े। यह भी कारण है कि पार्टी ने समय रहते मंत्रियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने का फैसला किया है। क्योंकि अपनी नाराजगी को लेकर कभी राजकुमार वेरका राहुल गांधी से मिल रहे हैं, तो कभी कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी। वहीं, पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिस्थितियां चाहे कुछ भी हों फिलहाल कैबिनेट में किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है।


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