कैप्टन अमरिंदर के कांग्रेस छोड़ने के एलान से पंजाब के नेताओं को चिंता, कहीं गिर न जाए चन्नी सरकार
Punjab Congress कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के एलान के बाद पंजाब के नेता चिंतित है। पंजाब के कई बड़े कांग्रेस नेताओं को इस बात की अंदेशा है कि कैप्टन अपने साथ पार्टी के दो दर्जन विधायकों को तोड़ सकते हैं। ऐसे में चन्नी सरकार गिर सकती है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Congress: पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस को छोड़ने के बयान ने पंजाब के कांग्रेसियों में चिंता पैदा कर दी है। कई वरिष्ठ नेताओं को चरणजीत सिंह सरकार के लिए भी खतरे का अंदेशा है। इन नेताओं का मानना है कि कहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ दो दर्जन विधायक न चले जाएं। यदि ऐसी नौबत आती है तो पंजाब में सरकार के गिरने और राष्ट्रपति राज लगने का खतरा पैदा हो सकता है।
कांग्रेस नेताओं को आशंका- दो दर्जन पार्टी विधायक जा सकते हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह
बताया जाता है कि इस चिंता को लेकर आज कई विधायकों ने सीनियर मंत्रियों के साथ जहां बैठकें कीं। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक व उनसे जुड़ने कीविधायकों पर भी नजर रखी जा रही है। एक सीनियर विधायक ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि विधायकों में इस बात की चिंता तो है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यकाल में कुछ महीने का ही कम समय बचा है और अगर कैप्टन ऐसा कदम उठाते हैं तो पार्टी एक बार फिर से चुनाव में जाने के लिए तैयार है।
कैप्टन ने ट्विटर पेज के प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटाया
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर पेज पर प्रोफाइल से कांग्रेस (Congress) का नाम हटा दिया है। इस तरह कांग्रेस से अपना लंबा रिश्ता तोड़ने की ओर एक तरह से उन्होंने कदम बढ़ा दिया है।
कई विधायकों ने जताई चिंता और कहा कि दो दर्जन विधायक कैप्टन के संपर्क में हैं
बता दें कि दिल्ली से लौटने के बाद चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीशय एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिर कहा कि वह कांग्रेस को छोड़ रहे हैं लेकिन भाजपा में नहीं जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में कैप्टन ने यह बताने से इन्कार कर दिया कि उनके साथ कितने विधायक जा रहे हैं। उन्होंने इतना अवश्य कहा कि जब कोई सत्तारूढ़ पार्टी बहुमत खो देती है तो फ्लोर टेस्ट करवाना स्पीकर का काम होता है।
उन्होंने कांग्रेस को एक डूबता जहाज बताया और कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की कोई सुनवाई नहीं है, उनकी पूरी तरह से अवहेलना की जा रही है। कैप्टन ने कहा कि पंजाब के हित में उनके समक्ष जो विकल्प हैं वह अब भी उन पर विचार कर रहे हैं। उनके लिए राज्य की सुरक्षा सर्वोपरि है। उनका कहना था, ‘मैं इस प्रकार का अपमान सहने के आदी नहीं हूं। मेरे सिद्धांत और मान्यताएं उन्हें कांग्रेस में रहने की इजाजत नहीं देते।’
कैप्टन ने वरिष्ठ कांग्रेसजनों को विचारक की संज्ञा देते हुए उन्हें पार्टी के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि युवा पीढ़ी को इस प्रकार आगे बढ़ाया जाना चाहिए कि वे वरिष्ठों द्वारा अनुभव के आधार पर तैयार किए गए कार्यक्रमों को सही तरीके से क्रियान्वित करें। उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य है कि सीनियर लोगों की पार्टी में पूरी तरह अवहेलना हो रही है। यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने दल के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के घर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले की निंदा की। उन्होंनग कहा उनके साथ ऐसा सिर्फ इस लिए किया गया क्योंकि उन्होंने खुल कर अपने विचार रखे जो पार्टी के नेतृत्व को पसंद नहीं थे।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा, पंजाब की जनता राज्य के भविष्य के लिए वोट करेगी। उनका कहना था कि उनका अनुभव बताता है कि चुनाव में चाहे जितनी भी पार्टियां खड़ीं हों राज्य की जनता सदा ही ‘सिंगल पार्टी/फोर्स’ के लिए ही वोट करती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कुप्रशासन की स्थिति में पाकिस्तान को प्रदेश तथा देश में मुसीबतें पैदा करने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से आज सुबह उनकी जो मुलाकात थी वह इन्हीं मुद्दों को लेकर थी।
नवजोत सिद्धू पर अपनी राय को पुन: दोहराते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वह सिर्फ मजमा लगा सकता है। उसे ये कतई नहीं पता कि टीम को साथ लेकर कैसे चला जाता है। उनका कहना था कि वह स्वयं पार्टी अध्यक्ष रहे हैं और कई प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों के साथ काम भी कर चुके हैं। उन्होंने हरदम सारे मामले बिना किसी ड्रामेबाजी के आपसी बातचीत के जरिए सौहार्दपूर्ण माहौल में ही निपटाए।