पंजाब में मालब्रोस फैक्टरी के बाहर धरना खत्म करवाने में नाकाम अफसरों पर हाई कोर्ट सख्त, नोटिस जारी
पंजाब फिरोजपुर स्थित जीरा में मालब्रोस शराब फैक्टरी के बाहर लंबे समय से धरना चल रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब के अतिरिक्त गृह सचिव सहित एडीजीपी (ला एंड आर्डर) फिरोजपुर के डीसी और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के फिरोजपुर के जीरा स्थित मालब्रोस की शराब फैक्टरी के बाहर चल रहे प्रदर्शन को खत्म करवाने में नाकाम रहने पर हाई कोर्ट ने अब कड़ा रुख अपना दिया है। हाई कोर्ट ने मामले में पंजाब के अतिरिक्त गृह सचिव सहित एडीजीपी (ला एंड आर्डर), फिरोजपुर के डीसी और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे पूछा है कि वह बताएं कि क्यों न आपके खिलाफ अदालत के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
जस्टिस विनोद भरद्वाज ने इसके साथ ही पंजाब सरकार को 15 करोड़ की और राशि हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाने के आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने यह आदेश मालब्रोस इंटरनेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं।
बता दें, याचिकाकर्ता कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि उनकी यूनिट के बाहर प्रदर्शनकारी बैठ गए हैं और इसे बंद करवा दिया गया है। उनकी इस यूनिट पर आरोप लगाए गए थे कि यह यूनिट पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर लगाई गई है, जबकि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जांच कर उन्हें स्वीकृति दे चुका है।
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस यूनिट की एनजीटी की मानिटरिंग कमेटी से जांच की मांग की, लेकिन एनजीटी की मानिटरिंग कमेटी की जांच में भी सब ठीक पाया गया।
कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया कि इस यूनिट को लगाने में 300 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। 200 करोड़ बाजार से उठाए गए थे। इस फैक्टरी को चलाने और स्टाफ के वेतन पर डेढ़ करोड़ का खर्च है और 2 करोड़ रुपये प्रतिमाह किश्त देनी पड़ती है, लेकिन सरकार प्रदर्शनकारियों से मिली हुई है और ऐसे में उनका हर महीने करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
इस मामले में हाई कोर्ट पहले ही पंजाब सरकार को 5 करोड़ रुपये हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाने के आदेश दे चुका है और अब 15 करोड़ रुपये और जमा करवाने के आदेश दे दिए गए हैं और कई आला अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया है।
जस्टिस नेहरू की अध्यक्षता में कमेटी गठित
फैक्टरी को हुए नुकसान के आंकलन के लिए रिटायर्ड जस्टिस आरके नेहरू की अध्यक्षता में कमेटी की गठित
प्रदर्शन के चलते फैक्टरी को हुए अब तक नुकसान के नुकसान का आंकलन करने के लिए हाई कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस आरके नेहरू की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी कर दिया है, जिसमें एक सरकार का नुमाइंदा और एक सीए को शामिल किया गया है। हाई कोर्ट ने इस कमेटी को दो महीनों में फैक्टरी को हुए नुकसान का आंकलन कर हाई कोर्ट में इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दे दिए हैं।