Punjab Assembly Session Controversy: विवाद का अंत, पंजाब के राज्यपाल ने दी 27 सितंबर से विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मंजूरी
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल ने इस संबंध में सरकार से सत्र का एजेंडा मांगा था। इस पर संतुष्टि जताने के बाद राज्यपाल ने इसे मंजूरी दे दी है।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब सरकार और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर पिछले 3 दिन से बना हुआ विवाद अब खत्म हो गया है। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने आज सुबह सवेरे ही पंजाब विधानसभा का सत्र 27 सितंबर को सुबह 11 बजे बुलाने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार से यह जानना चाहा कि आखिर यह सत्र क्यों बुलाया है और इसमें कौन-कौन से विधायी कार्य किए जाएंगे।
दिलचस्प बात यह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए 22 सितंबर को एक स्पेशल सेशन बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन विपक्ष की ओर से इसे असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल को लिखा गया तो राज्यपाल ने सत्र बुलाने संबंधी दी गई मंजूरी को वापस ले लिया, जिससे पंजाब सरकार और राजभवन के बीच में विवाद खड़ा हो गया।
राज्य सरकार का कहना था कि राज्यपाल को मंजूरी देकर वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है। राज्यपाल कैबिनेट के फैसले को लागू करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन अगले दिन कैबिनेट ने 22 सितंबर की बजाय 27 सितंबर को एक और सत्र बुलाने की सिफारिश कर दी।
यह विशेष सत्र न होकर रेगुलर सत्र के रूप में बुलाया गया, लेकिन राज्यपाल को भेजे गए पत्र में इस सत्र में क्या काम किया जाएगा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। 27 सितंबर को सत्र बुलाने की मंजूरी देने से पहले राज्यपाल ने सरकार के सामने फिर से सवाल खड़ा कर दिया कि उन्हें पहले यह बताया जाए कि सत्र में कौन से विधायी कार्य किए जाने हैं।
इसको लेकर पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट करते हुए कहा कि 75 साल पहले में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि राज्यपाल ने विधायी कामकाज के बारे में सरकार से पूछा हो। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया और कहा कि कोई एक व्यक्ति यह तय नहीं करेगा कि सत्र कब बुलाया जाना है। यह चुनी हुई सरकार का काम है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के इस ट्वीट का जवाब उन्हें एक पत्र लिखकर दिया, जिसमें उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 167 और 168 का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले वह इन दोनों अनुच्छेदों को अच्छी तरह से पढ़ लें, फिर उनके बारे में कोई राय बनाएं। शनिवार को राजभवन की ओर से भेजे गए इस पत्र के जवाब में संसदीय कार्य विभाग ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर बताया कि इस सत्र में जीएसटी, बिजली और पराली को लेकर चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा विधायकों की ओर से आने वाले प्रस्तावों को भी लिया जाएगा। पंजाब सरकार के इस पत्र पर सहमति व्यक्त करते हुए रविवार को सुबह राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सरकार की सिफारिश को मानते हुए 27 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी।