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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब सरकार करेगी चर्चा, कल होगी अमरिंदर कैबिनेट की बैठक

पंजाब सरकार किसान आंदोलन और कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार-विमर्श करेगी। इसके लिए कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट की वीरवार को बैठक होगी। पंजाब की कैप्‍टन सरकार इस पूरे मामले पर अपना पक्ष और रुख स्‍पष्‍ट करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 08:43 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 08:43 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब सरकार करेगी चर्चा, कल होगी अमरिंदर कैबिनेट की बैठक
पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। Farmers Protest: केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों और इसके खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार मंथन करेगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कानूनों पर रोक लगाने फैसले और चार सदस्यीय टीम के गठन करने को लेकर विचार के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एडवोकेट जनरल से फैसले की कापी लेने को कहा

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कैप्टन ने अपने एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को इस फैसले की कापी लेने के लिए भी कहा है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ और कैबिनेट मंत्री सुख¨जदर रंधावा ने कमेटी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं।

जाखड़ बोले, कमेटी के तीन सदस्य पहले कर रहे हैं कानूनों का समर्थन, विश्वसनीयता पर संदेह

जाखड़ ने कहा कि कमेटी में शामिल चार में से तीन सदस्य पहले ही कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे हालात में इनकी विश्वसनीयता संदेह के दायरे में रहेगी। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वह किसी कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे। जाखड़ ने कहा कि एक आर्बिटेटर का निष्पक्ष का होना बेहद जरूरी है जो वर्तमान कमेटी में दिखाई नहीं दे रहा है।

सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किसानों के इस कमेटी के सामने पेश होने पर संदेह जताया। रंधावा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को आज स्पष्ट आदेश देना चाहिए था कि यह कानून समवर्ती सूची में बनाए गए हैं और किसी भी राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट को चाहिए था कि वह तीनों कानूनों को रद करके केंद्र सरकार को निर्देश देती कि पहले बिलों का ड्राफ्ट राज्यों की विधानसभा में पास करवाया जाए, उसके बाद संसद में पेश किया जाए।

रंधावा ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र का हनन कर तानाशाही करने के आरोप भी लगाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खुद ही तीनों कानून रद कर राज्य सरकारों को विश्वास में लेकर नए कानून बनाने चाहिएं। कांग्रेस के सत्ता के समय साठ वर्षो में कभी ऐसा जन आंदोलन नहीं हुआ।

भाजपा ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत

पंजाब भाजपा के प्रधान अश्विनी शर्मा ने किसानों से सुप्रीम कोर्ट निर्देशों के मद्देनजर अपना आंदोलन वापस लेने का आह्वान किया है। शर्मा ने इन सुप्रीम कोर्ट के चार सदस्यीय कमेटी बनाने के का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि कमेटी की ओर से किसानों के सभी मुद्दों का हल होगा और उनके संदेह दूर होंगे।

शर्मा ने दोहराया कि एमएसपी या मंडी प्रणाली के बंद होने के बारे में किसानों की आशंका पूरी तरह से निराधार थी और कानून किसानों के हितों के खिलाफ नहीं हैं। शर्मा ने इस बात को लेकर खेद भी जताया कि केंद्र और किसान नेताओं के बीच आठ दौर की बातचीत सफल नहीं हुई।

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