पंजाब सरकार की उद्योगों के लिए विशेष योजना, ईंधन में पराली के प्रयोग पर मिलेगी 25 करोड़ रुपये की वित्तीय रियायत
पंजाब सरकार पराली प्रबंधन के लिए विशेष योजना लेकर आई है। राज्य में 200 लाख टन पराली के प्रबंधन के लिए इसे ईंधन के रूप में प्रयोग करने वाले उद्योगों को विशेष वित्तीय रियायत दी जाएगी। रियायत पहले पचास उद्योगों को मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। धान के सीजन के बाद पंजाब में निकलने वाली 200 लाख टन पराली को संभालने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने उद्योगों को पराली को ईंधन के रूप में जलाने की अनुमति दे दी है। जिन उद्योगों को यह लाभ मिल सकता है, उनमें चीनी मिलें, पल्प और पेपर मिलें और 25 टीपीएच से अधिक भाप पैदा करने सामथ्र्य वाले बायलर वाले उद्योग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने बायलर में पराली को ईंधन के तौर पर बरतने के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर पहले 50 मौजूदा उद्योगों को 25 करोड़ रुपये की वित्तीय रियायत देने का भी फैसला किया है। पराली के भंडारण के लिए पंचायती जमीन की उपलब्धता के लिहाज से उद्योगों को गैर-वित्तीय रियायतों के लिए 33 साल तक के लीज समझौते के साथ लीज में 6 प्रतिशत प्रति साल वृद्धि दर की मंजूरी भी दी गई है।
इसके अलावा बायलर उन क्षेत्रों में पहल के आधार पर उपलब्ध करवाए जाएंगे, जहां धान की पराली को बायलर में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। पुराने बायलरों को बदलने या नए बायलरों की स्थापना से इसके विस्तार का प्रस्ताव रखने वाली डिस्टिलरियों/ब्रुअरीज की नई और मौजूदा ईकाइयों को पराली को ईंधन के तौर पर लाजिमी तौर पर इस्तेमाल करना पड़ेगा।
सरकार के इस कदम से खरीफ फसलों की कटाई के दौरान पराली जलाने की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। अक्टूबर-नवंबर महीने के दौरान खेतों में पराली जलाने के कारण प्रदूषण की समस्या व्यापक रूप धारण कर लेती है। मौसमी स्थितियों के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। हालांकि राज्य के कुछ उद्योग पराली को अपने औद्योगिक कामों के लिए बायलर में बरत रहे हैं।
पीएससीएफसी, बैकफिनको के 14 हजार कर्जदारों का 62.46 करोड़ रुपये कर्ज माफ
पंजाब कैबिनेट ने अनुसूचित जाति भू विकास एवं वित्त निगम (पीएससीएफसी) और पंजाब पिछड़ी श्रेणियां भू विकास एवं वित्त निगम (बैकफिनको) से कर्ज लेने वाले लोगों के 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ करने का फैसला किया है। इससे कुल 14853 कर्जदार लोगों का 62.46 करोड़ रुपये कर्ज माफ होगा। इसका लाभ अनुसूचित जातियों, दिव्यांग पिछड़ी श्रेणियों, आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों और अल्संख्यकों को मिलेगा। कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस फैसले की सराहना की है। यह फैसला 31 मार्च, 2021 तक दिए गए कर्ज पर लागू होगा।