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पंजाब सरकार पेट्रोल-डीजल सस्ता करने को तैयार नहीं, फिलहाल राहत की उम्‍मीद नहीं

पंजाब सरकार राज्‍य में अपनी आेर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने के मूड में नहीं है। ऐेसे में राज्‍य के लोगों को इस मामले में फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्‍मीद नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 09:52 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 09:52 AM (IST)
पंजाब सरकार पेट्रोल-डीजल सस्ता करने को तैयार नहीं, फिलहाल राहत की उम्‍मीद नहीं

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार फिलहाल राज्‍य में अपनी आेर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने के मूड में नहीं दिख रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा करने के लिए रखी गई बैठक दूसरी बार टल गई है। पहले यह बैठक सोमवार को होनी थी लेकिन मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण इसे मंगलवार के लिए टाल दिया गया था।

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वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की व्यस्तता के कारण यह बैठक मंगलवार को भी नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि फिलहाल पंजाब सरकार अपनी तरफ से लोगों को कोई राहत देने को तैयार नहीं है। इस तरह पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्‍य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी के लोगों की उम्‍मीद को झटका दिया है।

पड़ोसी राज्‍य हरियाणा ने केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये प्र‍ति लीटर की कमी करने के बाद खुद के स्‍तर पर भी इनकी कीमतों में प्र‍ति लीटर 2.50 रुपये की कटौती की थी। इस तरह हरियाणा में पेट्रोल व डीजल पांच रुपये प्रति लीटर सस्‍ता हो गया था। चंडीगढ़ प्रशासन ने भी अपनी ओर से 1.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इन राज्‍यों में पहले भी पेट्रोल व डीजल की कीमत पंजाब से कम थी। यह गैप अब और बढ़ गया है।

केंद्र सरकार द्वारा 2.50 रुपये तेल की कीमत सस्ता करने के बाद हरियाणा सरकार द्वारा इतनी ही कटौती अपने हिस्से से करने के बाद पंजाब सरकार ने इस पर बैठक की। कीमत घटाने के दबाव पर पिछले शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वित्त और टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्‍होंने टैक्स कम करने से राज्य के खजाने पर पड़ने वाले असर और दूसरे राज्यों के टैक्स ढांचे का तुलनात्मक अध्ययन करके रिपोर्ट देने को कहा था। यह बैठक पहले सोमवार को होनी थी, लेकिन बाद में यह बैठक मंगलवार तक टाल दी गई थी। लेकिन, इसे फिर टाल दिया गया।

बता दें कि आसमान छूती पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को देख केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपये की कटौती कर दी है और तेल कंपनियों ने भी एक रुपये दाम कम कर दिए हैैं। केंद्र के फैसले से पंजाब सरकार पर इसलिए भी दबाव बढ़ गया है कि देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट वसूलने वाले राज्यों में पंजाब तीसरे नंबर है। पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स कम करने की मांग पंजाब में लंबे समय से उठती रही है। बढ़ती कीमत से सरकार के खजाने में आ रहे अतिरिक्त राजस्व का मोह पंजाब सरकार नहीं छोड़ पा रही है।

पहले भी पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने तो टैक्स कम करने से साफ इन्कार कर दिया था। उनका कहना था कि पंजाब सरकार अगर एक रुपये टैक्स कम करती है तो उससे 400 करोड़ रुपये के राजस्व का अंतर आ जाता है। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद पंजाब देश में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट वसूलने वाला राज्य है। महाराष्ट्र में जहां 38 और कर्नाटक में 36 फीसद वैट है वहीं, पंजाब में 35.35 फीसद है।

रोजाना की मांग 2500 किलोलीटर

पंजाब में पेट्रोल की एक दिन की औसत मांग करीब 2500 किलोलीटर बताई जाती है। इस अनुपात में पेट्रोल की कीमत में एक पैसे की वृद्धि होने पर पंजाब सरकार को 2.50 लाख रुपये का औसत अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है। वित्त विभाग राज्य की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से खासा प्रसन्न था। ऐसे में अगर सरकार कीमत कम करने का फैसला करती है तो इससे राजस्व पर भी असर आएगा।

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राज्यों में पेट्रोल व डीजल पर लगने वाला वैट फीसद में

राज्य        पेट्रोल     डीजल
पंजाब        35.35    16.88
हरियाणा      26.85    17.22
दिल्ली        27.00    17.27
हिमाचल      24.36    14.34
चंडीगढ़      19.76     11.42
 


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