PGI चंडीगढ़ की कर्जदार पंजाब सरकार, अभी भी 6 करोड़ बकाया, पहले बंद कर दिया था मरीजों का इलाज
चंडीगढ़ में पंजाब से रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। यह ज्यादातर शहर के तीनों बड़े अस्पतालों में ही इलाज करवाते हैं। इस दौरान जिन मरीजों का आयुष्मान भारत स्कीम के तहत कार्ड है वह उसके तहत लाभ लेते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआइ चंडीगढ़ में भले ही पंजाब के मरीजों का इलाज अब आयुष्मान भारत योजना से शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी पीजीआइ का पूरा पैसा पंजाब सरकार से नहीं मिला है। 16 करोड़ रुपये में से भी पीजीआइ को पंजाब सरकार से दस करोड़ रुपये ही मिला है। अभी भी छह करोड़ रुपये मिलना बाकी है।
बता दें कि पीजीआइ चंडीगढ़ ने पंजाब के आयुष्मान लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया था। बाद में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप पर पंजाब के मरीजों को फिर से आयुष्मान भारत का लाभ देना शुरू किया गया था। पीजीआइ ने पैसे नहीं मिलने पर पंजाब के मरीजों का आयुष्मान के तहत इलाज पहली अगस्त से बंद कर दिया था। हालांकि सर्विस चार्ज लेकर इलाज चालू रखा गया।
इस मामले ने बड़ा तूल पकड़ा। पंजाब सरकार की जमकर फजीहत हुई। आनन-फानन में पंजाब सरकार ने अगले ही दिन पैसे जारी कर देने की बात कही। हालांकि पीजीआइ ने पैसे नहीं पहुंचने की बात कही थी। बाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर पीजीआइ ने फिर से मरीजों को इसका लाभ देना शुरू किया। अब पीजीआइ को दस करोड़ रुपये मिल गए हैं।
बता दें कि चंडीगढ़ में पंजाब से रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। यह ज्यादातर शहर के तीनों बड़े अस्पतालों में ही इलाज करवाते हैं। इस दौरान जिन मरीजों का आयुष्मान भारत स्कीम के तहत कार्ड है, वह उसके तहत लाभ लेते हैं।
जीएमसीएच-32 को अभी इंतजार
जीएमसीएच-32 की भी पंजाब सरकार से करीब तीन करोड़ रुपये राशि बकाया है। जीएमसीएच-32 ने तो पहले से ही आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजाब के मरीजों को लाभ देना बंद कर रखा है। इसी तरह से जीएमएसएच-16 अस्पताल का फंड भी पंजाब से आना बाकी है। इससे मरीजों को दिक्कत हो रही है। हालांकि पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जल्द फंड जारी करने की बात कही थी।