कैप्टन सरकार का बड़ा कदम, पूर्व अकाली सरकार का अहम फैसला पलटा
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने पिछली अकाली दल -भाजपा सरकार के अहम फैसले को पलट कर दिया है। सरकार ने 1647 सेवा केंद्रों का बंद करने का फैसला किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने पिछली अकाली दल - भाजपा सरकार के बड़े फैसले को पलट दिया है। पंजाब कैबिनेट ने राज्य में चल रहे 2147 सेवा केंद्रों में से 1647 को बंद करने का फैसला किया है। राज्य में अब 500 सेवा केंद्रों ही रहेंगे।। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को बंद किए जाने वाले सेवा केंद्रों के बुनियादी ढांचे को आंगनवाड़ी केंद्रों या पंचायत घरों के तौर पर इस्तेमाल की संभावनाएं तलाशने को कहा है।
पंजाब में 1647 सेवा केंद्र ही चलेंगे, अब चलेंगे 500 केंद्र ही
सेवा केंद्रों का समझौता खत्म करने के लिए सेवा प्रदान करने वाले ठेकेदार कंपनी को 180 दिनों का नोटिस जारी किए जाएंगे। समझौते अनुसार ऐसा करना जरूरी है। इप सेवा केंद्रों को चलाने वाला ठेकेदार सरकार से वार्षिक 220 करोड़ रुपये ले रहा है और यह समझौता पांच वर्षों के लिए किया गया था। सेवा केंद्र के निर्माण पर राज्य सरकार का 200 करोड़ रुपये का खर्चा आया था । इस तरह पांच वर्षो के दौरान इनको चलाने पर लगभग 1400 करोड़ रुपये और ख़र्च आना था।
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स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंदरा ने इसको सार्वजनिक पैसों की अपराधिक लूट करार देते हुए इस मुद्दे की जांच कराने के लिए कहा था। कैबिनेट ने फैसला लेते हुए उस रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा गया जो कि मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनाई गई समिति ने सेवा केंद्रों के कमकाज संबंधी दी है। समिति ने यह पाया है कि सूबे में सिर्ु 500 सेवा केन्द्रों की जरूरत है और इन केंद्रों का प्रबंधन डिप्टी कमिश्नर कर सकते हैं।
सेवा केंद्रों को वित्तीय स्तर पर मजबूत बनाने के उद्धेश्य से केबिनेट ने इन सेवा केंद्रों के कामकाज को नए रूप में पेश करने का फ़ैसला लिया। यह सलाह दी गई कि जिन सेवा केंद्रों को बंद किया जा रहा है, उनकी इमारतें और अन्य ढांचो को आंगनवाड़ी केंद्रों और पंचायत घरों के तौर पर इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति देते हुए संबंधित विभाग से इस संबंधी एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आॅनलाइन खरीद कर सकेंगे विभाग
सार्वजनिक खरीददारी में गति, पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने वस्तुएं और सेवाओं की सीधी ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी खरीद एजेंसियों को केंद्र सरकार का पोर्टल, गवर्नमैंट ई-मार्किटप्लेस (जीईएम) का प्रयोग करने के लिए सहमति दे दी है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सप्लाई और डिसपोज़लज़ (डीजीएस और डी) के डायरेक्टोरेट जनरल द्वारा शुरू किए गए सैेंट्रल जीईएम अधीन सरकारी खरीददारों द्वारा आम प्रयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं की खरीद प्रक्रिया में यह फैसला प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगा। इससे आम प्रयोग वाली वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा में मदद मिलेगी।
नए नियम में यह विचार किया गया है कि केंद्रीय जीईएम राज्य सरकार के विभागों या सरकारी एजेंसियों द्वारा सामान और सेवाओं की सीधी ऑनलाइन खरीददारी के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा।